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25 साल बाद खूंटी विधानसभा सीट से हारी भाजपा

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पहली बार झामुमो ने खूंटी से जीत हासिल की

खूंटी.

खूंटी विधानसभा सीट से पहली बार झामुमो ने जीत हासिल की. इससे पहले लगातार 25 साल से खूंटी में भाजपा के

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पहली बार झामुमो ने खूंटी से जीत हासिल की

खूंटी.

खूंटी विधानसभा सीट से पहली बार झामुमो ने जीत हासिल की. इससे पहले लगातार 25 साल से खूंटी में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा का राज था. इस बार वह जीत का छक्का लगाने से चूक गये. खूंटी में झामुमो ने कभी भी जीत हासिल नहीं की है. वर्ष 2009 में झामुमो से मसीह चरण पूर्ति ने नीलकंठ सिंह मुंडा को कड़ी टक्कर दी था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके थे. तब झामुमो महज 436 मतों से पिछड़ गयी थी. तब नीलकंठ सिंह मुंडा को 32067 और झामुमो को 31631 मत मिले थे. वर्ष 2014 में भी झामुमो दूसरे स्थान पर रह गयी थी. तब नीलकंठ सिंह मुंडा को 47032 और झामुमो प्रत्याशी जीदन होरो को 24413 मत मिले थे. वहीं, 2019 में भी झामुमो पीछे रह गयी थी. तब भाजपा से नीलकंठ सिंह मुंडा को 59198 और झामुमो से सुशील पहान को 32871 मत हासिल हुआ था. भाजपा से पहले खूंटी में कांग्रेस की पकड़ रही है. भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने वर्ष 2000 में कांग्रेस की दिग्गज सुशीला केरकेट्टा को पराजित कर जीत हासिल की थी.

राजनाथ सिंह व शिवराज सिंह चौहान का नहीं हुआ असर

खूंटी में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान का आगमन हुआ. उनके कार्यक्रम में भीड़ तो हुई लेकिन इससे मतदाताओं में कोई असर नहीं पड़ा. वहीं, दूसरी ओर झामुमो की ओर से सिर्फ हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ही स्टार प्रचारक के रूप में पहुंचे. उनके आने से पूरे क्षेत्र का माहौल ही बदल गया.

पूर्व सांसद पद्मभूषण कड़िया मुंडा का बयान वायरल

चुनाव परिणाम के बाद पूर्व सांसद पद्मभूषण कड़िया मुंडा का एक बयान वायरल हुआ है. इसमें वह कहते दिख रहे हैं कि नीलकंठ सिंह मुंडा ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने बड़े भाई कालीचरण मुंडा को जिताने में मदद की है. बयान को कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल में शेयर किया है.

वर्ष 2019 में राम सूर्या मुंडा को मिले थे महज 1385 मत

झामुमो के टिकट से जीतकर खूंटी के नवनिर्वाचित विधायक बने राम सूर्या मुंडा ने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर गये थे. उन्होंने रांची में संत जेवियर कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान छोटानागपुर मुंडा छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे. उनके चाचा महेंद्र सिंह मुंडा ने 1988-89 में खूंटी से चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने भी चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया था. बाद में राम सूर्या मुंडा झारखंड पार्टी में शामिल हो गये. झारखंड पार्टी से 2019 में उन्होंने खूंटी विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसमें उन्हें महज 1385 मत मिले थे. इसके बाद वह झामुमो में शामिल हुए और इस बार के चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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