21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 02:04 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बढ़ता वायु प्रदूषण ‘गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा’!

Advertisement

शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण गंभीर बिमारियों का कारण बन रहा है. इसके चलते खांसी, दमा, सांस लेने में परेशानी, अस्थमा जैसी कई समस्याओं के मरीज आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने इस समस्या को गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक बताया है. विस्तार से पढ़ें… नैशनल […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण गंभीर बिमारियों का कारण बन रहा है. इसके चलते खांसी, दमा, सांस लेने में परेशानी, अस्थमा जैसी कई समस्याओं के मरीज आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने इस समस्या को गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक बताया है. विस्तार से पढ़ें…

- Advertisement -

नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, जिन गर्भवती महिलाओं को दमे की बीमारी है, उन्हें वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले प्रसव होने में खतरा हो सकता है.

गर्भधारण करने से तीन महीने पहले तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के 30 हिस्से प्रति बिलियन ज़्यादा संपर्क में आने से, दमा से पीड़ित महिलाओं में यह खतरा 30% तक बढ़ जाता है.

वहीं, बिना दमा वाली महिलाओं में इसके होने की संभावना आठ प्रतिशत होती है. इतने ही समय के लिए कार्बन मोनोऑक्साइड के संपर्क में आने से दमा पीड़ित महिलाओं में समयपूर्व प्रसव का खतरा 12% अधिक हो जाता है. जबकि दूसरी महिलाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

दमा पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए आखिरी छह सप्ताह का समय भी काफी गंभीर होता है. अत्यधिक प्रदूषण वाले कणों जैसे एसिड, मेटल और हवा में मौजूद धूल के संपर्क में आना भी समयपूर्व प्रसव के खतरे को बढ़ावा देता है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. के. के. अग्रवाल के अनुसार, दमा से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को वायु प्रदूषण से बचने के लिए अत्यधिक प्रदूषण के समय घर से बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. उन्हें घर में भी वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय खोजने चाहिए. आजकल मार्किट में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं, जो हवा को साफ करने में मदद करते हैं.

वायु प्रदूषण हमारी सांस प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है. इससे दमा, ब्रॉन्काइटिस, फेफड़ों का कैंसर, टीबी और निमोनिया जैसे कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है. वायु प्रदूषण से ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचता है और यूवी किरणें धरती पर पहुंच कर स्किन कैंसर, आंखों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को क्षति पहुंचा सकता है.

वायु प्रदूषण ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करता है, जिसके कारण धरती के वातावरण में गर्मी बढ़ती है. मौसम में बदलाव आने के साथ समुद्र का स्तर भी बढ़ रहा है. बढ़ते तापमान से पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघल रही है और ऐसे में बाढ़ का खतरा भी बढ़ रहा है.

वायु प्रदूषण के चलते ख़ासतौर से गर्भवती महिलाओं को अपने और बच्चे दोनों का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही घर में हवा साफ करने वाले यंत्रों को ज़रूर प्रयोग में लाना चाहिए.

यह जानकारी जरनल ऑफ एलर्जी एंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजीमें ऑनलाइन प्रकाशित हुई है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें