कैंसर जानलेवा रोग है. हालांकि, इसके कुछ प्रकार में इसका सफल उपचार संभव है, लेकिन इस उपचार में प्रयोग किये जानेवाली दवाओं के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं. आमतौर पर इसके उपचार के लिए कीमोथेरेपी और रेडियेशन का प्रयोग किया जाता है. हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों को एक सफलता हाथ लगी है.
वैज्ञानिकों ने हल्दी में एंटी कैंसर मॉलीक्यूल की खोज की है. यह खोज भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है. वे अब इन मॉलीक्यूल्स को पेटेंट कराने जा रहे हैं. इनके कोड नेम सीटीआर-17 और सीटीआर-20 हैं. हालांकि इस खोज में कनाडा के एडवांस्ड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी सहयोग किया है.
इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर पियूष त्रिवेदी के अनुसार हल्दी में घाव जल्दी भरने के गुण होते हैं. इसके अलावा कई अन्य चिकित्सा में भी इसका प्रयोग होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी जगह आसानी से उपलब्ध है. उनके अनुसार प्री क्लीनिकल ट्रायल में कैंसर के उपचार में इसका प्रयोग सफल रहा है. इन मॉलीक्यूल्स का फायदा यह है कि ये सिर्फ कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. शरीर के अन्य हिस्सों को इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. इस कारण इसके साइड इफेक्ट नहीं के बराबर हैं.