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डायबिटीज से ज्यादा खतरनाक हो सकती है हाइपोग्लाइसीमिया

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ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से मधुमेह होता हैं और ब्लड में शुगर की कमी हो जाए तो उसे ‘हाइपोग्लाइसीमिया’ कहते हैं. शुगर की कमी, शुगर बढ़ने से कहीं ज्यादा हानिकारक हो सकता है. इसमें मरीज को चक्कर आना, बेहोश होकर कहीं भी गिर जाना जानलेवा हो सकता है. अगर ब्लड में शुगर […]

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ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से मधुमेह होता हैं और ब्लड में शुगर की कमी हो जाए तो उसे हाइपोग्लाइसीमियाकहते हैं. शुगर की कमी, शुगर बढ़ने से कहीं ज्यादा हानिकारक हो सकता है. इसमें मरीज को चक्कर आना, बेहोश होकर कहीं भी गिर जाना जानलेवा हो सकता है.

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अगर ब्लड में शुगर की मात्रा 70 मिलीग्राम से कम है तो हाइपोग्लाइसेमिया और 50 मिलीग्राम से भी कम है तो ये सीवियर हाइपोग्लाइसीमिया माना जाता है.

हाइपोग्लाइसीमिया होने की सबसे बड़ी वजह मधुमेह पीड़ितों की लापरवाही या जागरूकता का अभाव है. अक्सर देखा जाता है कि मरीज अपने मन से दवा लेते और छोड़ते हैं. इससे इंसुलिन की मात्रा घटती-बढ़ती रहती है.

हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए इसके बारे में जानना जरुरी है.

क्या हैं कारण…

-इंसुलिन या डायबिटीज की दवाओं की सही खुराक ना लेना

-भोजन की कमी या अनियमितता. खाना कम होने से शरीर में कार्बेहाइड्रेड की मात्रा कम बनती है. जिससे शुगर का स्तर कम हो जाता है.

-सामान्य दिनचर्या से ज्यादा भागदौड़ करना.

-अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना

लक्षण…

-इसके लक्षण विभिन्न मरीजों में विभिन्न प्रकार या एक ही मरीज में अलग-अलग समय पर पर अलग-अलग हो सकते हैं. इनमें प्रारम्भिक और देर से आने वाले लक्षण देखने को मिलते हैं. प्रारम्भिक लक्षण में जोर से भूख लगना, पसीना आना, शरीर में कंपन और घबराहट आदि है.

-देर से आने वाले लक्षणों में कमजोरी और चलने में लड़खड़ाहट, कम या धुंधला दिखाई देना, अचानक आंख के सामने अंधेरा छा जाना, भूलने या कंफ्यूजन की स्थिति होना, बेहोशी और मिर्गी जैसी स्थिति भी हो जाती है, जो काफी खतरनाक हो जाती है.

बचाव…

-मरीजों को अपनी दिनचर्या ठीक रखनी चाहिए

-समय से इंसुलिन और खाना लेना चाहिए

-हमेशा अपने पास ग्लूकोमीटर रखें ताकि लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कर लें

-अपने साथ में टॉफी या शर्करा युक्त पदार्थ रखें

-जरूरत से ज्यादा भागदौड़ से बचें

-साथ ही अपने डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहें

निदान एवं इलाज

-हाइपोग्लाइसीमिया के लिए खून के नमूने की जांच होती है. खून में शुगर की मात्रा 70 मिलीग्राम से कम है तो हाइपोग्लाइसीमिया और 50 मिलीग्राम से भी कम है तो सिवियर हाइपोग्लाइसीमिया की श्रेणी में आता है. हाइपोग्लाइसीमिया होने पर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है.

-मरीज को तुरंत ही कार्बेहाइड्रेड जैसे दो-तीन चम्मच चीनी, शहद, ग्लूकोज या 150 मिलीलीटर तक फलों का रस या कोक पिला दें. इससे शरीर में शुगर की मात्रा बराबर हो जाती है. कई बार शुगर अधिक कम होने से मरीज बेहोश हो जाता है. इसमें मरीज कुछ खा-पी नहीं पाता, वह मीठा नहीं खाता है, तब शुगर का स्तर बढ़ाना मुश्किल हो जाता है. इससे बचने के लिए घर में ग्लूकेगान इंजेक्शन रखना चाहिए.

खास कर ऐसे मरीजों को अकेले बाहर जाने देना नहीं चाहिए.

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