हालिया चौकाने वाले शोध ने इस बात का दावा किया है कि स्मोकिंग से 300% तक अंधा होने का खतरा है. कह सकते हैं कि स्मोकर्स धीरे-धीरे अंधेपन की ओर बढ़ रहे हैं.
एक हेल्थी लाइफस्टाइल जीने वाले व्यक्ति की तुलना में स्मोकिंग करने व्यक्ति के अंधे होने की चार गुना ज्यादा संभावनाएं होती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि तंबाकू के धुएं में जहरीले रसायन होते हैं जो आंख की नाजुक सतेह और आंतरिक संरचना को नुकसान पहुंचाते हैं.
स्मोकिंग के साथ अनियमित दिनचर्या, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और खान-पान में लापरवाही अंधेपन की सम्भावना को और बढ़ा देती है.
एक नए अध्ययन अनुसार, स्मोकिंग और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली आनुवंशिक को भी प्रभावित करती है जो आगे की पीढ़ियों में अंधेपन को बढ़ा सकती है.
विस्कॉन्सिन-मैडिसन, अमेरिका के विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किये गए अनुसन्धान में इस बात की पुष्टि की गई कि जो स्मोकर्स यानी धूम्रपानकर्ता दिन में एक पैकेट सिगरेट पीते हैं उन्हें उम्र से सम्बंधित चकत्तेदार अध: पतन की संभावना पाई जाती है.
एक्सरसाइज न करना, अनियमित आहार प्रणाली और अव्यवस्थित दिनचर्या अंधेपन के खतरे को बढ़ा सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है, आप जब चाहें तब स्मोकिंग को छोड़ सकतें हैं और इसके लिए कभी भी देर नही होती लेकिन यदि आप अपना दिन व्यवस्थित और कार्यशील रखें तो, ये मुमकिन है. अन्यथा बेहतर होगा कि 40 से पहले स्मोकिंग छोड़ दें क्योंकि इसके बाद यह मुमकिन नहीं की आप दैनिक अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित कर पाएं.