20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 08:27 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

World Radio Day 2020: आज भी पटनाइट्स के दिलों में धड़कता है रेडियो

Advertisement

पटना : World Radio Day 2020 मोबाइल, इंटरनेट, टीवी चैनल्स, वेबसाइट्स और वेब सीरीज के जमाने में कुछ लोग भले ही रेडियो को गुजरे जमाने की चीज समझें, पर इसका क्रेज पटनाइट्स के दिलों में आज भी बरकरार है. शिवपुरी की रहने वाली शोभा कहती हैं कि रेडियो पर आने वाले चाहे विविध भारती के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना : World Radio Day 2020 मोबाइल, इंटरनेट, टीवी चैनल्स, वेबसाइट्स और वेब सीरीज के जमाने में कुछ लोग भले ही रेडियो को गुजरे जमाने की चीज समझें, पर इसका क्रेज पटनाइट्स के दिलों में आज भी बरकरार है. शिवपुरी की रहने वाली शोभा कहती हैं कि रेडियो पर आने वाले चाहे विविध भारती के गीत हों या बिनाका गीत माला के एंकर अमीन सयानी की आवाज या फिर आकाशवाणी पटना के उद्घोषक बद्री प्रसाद यादव की जादू भरी आवाज. रेडियो की पुरानी स्मृतियां आज भी ताजा हो जाती हैं. ठुमरी हो या फिर राग दादरी या फिर लोक गीतों की गूंज. इन सबको हमारे दिलों तक पहुंचाने वाले रेडियो को लोग आज तक नहीं भूल पाये हैं. आज विश्व रेडियो दिवस पर पेश है मनीष कुमार की रिपोर्ट.

हर वर्ग को जोड़ता है रेडियो

दानापुर के रहने वाले 56 वर्षीय राजकिशोर प्रसाद का कहना है कि आज मनोरंजन के लिए ढेर सारी सुविधाएं हैं जैसे- स्मार्ट फोन, टीवी, कंप्यूटर व इंटरनेट, मगर रेडियो की जगह आज तक किसी ने नहीं ली. वह बताते हैं कि मैं अपने दैनिक जीवन की शुरुआत रेडियो से ही करता हूं. चाहे विविध भारती के गीत हो या फिर बिनाका गीत माला या इस पर आने वाला समाचार मैं नियमित रूप से सुनता हूं. रेडियो हर वर्ग के लोगों को जोड़ता है. चाहे वह किसान हो या महिला, बच्चा हो या युवा सभी के लिए इस पर प्रोग्राम आता है.

दहेज के रूप में दिया जाता था रेडियो

गोला रोड के रहने वाले 75 वर्षीय राज नारायण सिंह और 70 वर्षीय बिरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि पहले शादी में लोग अपनी बेटी को दहेज के रूप में रेडियो और साइकिल दिया करते थे. मुझे भी शादी में रेडियो ही मिला था. तब जिन लोगों को रेडियो दिया जाता था वह समाज में बड़े शान से चलते थे. लोगों के पास मनोरंजन का इसके अलावा कोई साधन नहीं था. अपने बैठक खाने में केवल रेडियो रखने भर से लोगों की नजरों में इज्जत बढ़ जाती थी.

आज नये कलेवर में दिख रहा रेडियो

एक समय वह था जब आकाशवाणी का कार्यक्रम प्रसारित होता था तो लोग रेडियो के पास पहुंच जाते थे. हर घर में एक या दो रेडियो हुआ करता था. युवा वर्ग इसकी अहमियत तब समझता था जब मैच का प्रसारण होता था. वहीं अंग्रेजी या हिंदी समाचारों के प्रसारण को सुनकर लोग देश और विदेश की खबरों की जानकारी लेते थे. अब ऐसा नहीं है. अब रेडियो स्मार्टफोन में ही उपलब्ध है जो सभी हाथों में है, लेकिन रेडियो तो गिने चुने लोगों के पास ही बचा है. हालांकि मोबाइल फोन और स्मार्ट फोन में रेडियो सुनने की सुविधा आ जाने इसे फिर से इसे नया जीवन मिला है. रेडियो से दूर हो रही आज की पीढ़ी एफएम रेडियो के जरिए फिर से जुड़ने लगी हैं. शहर में बढ़ती एफएम रेडियो चैनल्स की संख्या, बता रही हैं कि नये कलेवर में रेडियो फिर से छाने लगा है. इतना ही नहीं सारेगामा ने रेडियो कम म्यूजिक प्लेयर कारवां के लॉन्च होने के बाद इसका भी क्रेज बढ़ने लगा. सारेगामा की यह कोशिश समय में पीछे जाने के समान है, हालांकि आज भी एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो पुराने गानों और रेडियो का शौकीन हैं. सारेगामा के कारवां में 5,000 एवरग्रीन हिंदी गाने हैं.

ये भी जानें

1923 में हुई थी भारत में रेडियो ब्रॉडकास्ट की शुरुआत

1936 में इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस , ‘ऑल इंडिया रेडियो’ बना

1948 में हुआ था आकाशवाणी पटना केंद्र का उद्घाटन

1977 में हुई थी भारत में एफएम की शुरुआत

मेरे घर में दादा जी रेडियो सुना करते थे. उनके साथ-साथ रेडियो सुनते-सुनते मुझे भी इसकी आदत लग गयी. मैं रोजाना रेनबो एफएम सुनती हूं.
अंकिता भारती, छात्रा

मैं बचपन से अपनी मां के साथ रेडियो सुना करती थी. यह आदत आज भी मुझे है. घर पर दादा जी का रेडियो अब भी है जिसे मां खाना बनाते वक्त सुनती है. जब मूड अच्छा करना होता है तो मैं मोबाइल पर रेडियो सुनती हूं. मुझे ज्यादातर पुराने गाने पसंद है.
– शिप्रा सलोनी, छात्रा

मैं रेडियो बचपन से सुनते आया हूं. रेडियो का बिनाका गीत माला मैं कभी नहीं भूलता था. रेडियो कभी अपने दर्शकों को बाधा नहीं पहुंचाता, लोग काम के साथ रेडियो सुनते रहते हैं.
– सुधीर गुप्ता, बोरिंग रोड

पहले के जमाने में लोगों के पास पूरी जानकारी रहती थी. देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ मनोरंजन की भी खबर रखते थे. क्योंकि हर किसी के पास रेडियो होता था, लेकिन आज के समय में लोग रेडियो से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन मैं रेडियो सुनना कभी नहीं छोड़ पायी. मुझे टीवी पर सास-बहू की सीरियल देखने से अच्छा रेडियो पर गाने सुनना व समाचार सुनना लगता है. इससे मानसिक विकास होता है न की हम मानसिक प्रेशर में रहते हैं.
-संगीता वर्मा, बोरिंग रोड

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें