अगर पहले कभी टायफॉयड हुआ है, तो इससे आपके डीएनए पर भी असर पड़ सकता है. जर्नल ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैसे टायफॉयड के बैक्टीरिया से निकलने वाला टॉक्सिन प्रभावित सेल की रिपेयरिंग सिस्टम को खराब कर देता है. आगे चल कर यह सेल खतरनाक बीमारियों से लड़ने की क्षमता खो देती है.
स्टडी के मुताबिक हमारी सेल के पास डीएनए रिपेयर करने की जबरदस्त क्षमता होती है, जबकि टायफॉइड से निकलने वाला जहरीला पदार्थ इसी डीएनए रिपेयर मशीन को प्रभावित कर देता है. इससे सेल्युलर एजिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे उनमें इन्फेक्शंस से खतरे बढ़ जाते हैं. 2018 की डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट की मानें तो टायफॉयड के बुखार से हर साल 168,000 लोगों की मौत होती है.