विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इबोला वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. इस बीच केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा भी स्वास्थ्य विभागों को एडवाइजरी जारी की गयी है कि वह इबोला वायरस फैलने की स्थिति में आइसोलेशन सुविधाओं को लेकर तैयारी रखें. इबोला वायरस की चपेट में इंसान तब आता है जब वह संक्रमित जानवर के संपर्क में आये.
संक्रमित जानवरों के मांस खाने-पकाने या काटने, खून, मल या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर भी वायरस फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के शरीर के किसी भी प्रकार के फ्लूइड के संपर्क में आने पर भी यह वायरस किसी को भी चपेट में ले सकता है. अब तक इसकी सटीक दवाई या वैक्सीन विकसित नहीं हो सकी है, इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है.