World Standards Day 2022: विश्व मानक दिवस (World Standards Day) या अंतर्राष्ट्रीय मानक दिवस हर साल 14 अक्टूबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य उपभोक्ताओं, नियामकों और उद्योग के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था में मानकीकरण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
1956 में लंदन में 25 देशों के प्रतिनिधियों की पहली सभा को चिह्नित करने के लिए इस तारीख को चुना गया था जिन्होंने मानकीकरण की सुविधा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने का फैसला किया था. आईएसओ का गठन एक साल बाद 1947 में हुआ था. हालाँकि, पहला विश्व मानक दिवस 1970 में मनाया गया था.
यह दिन दुनिया भर में उन तकनीकी समुदायों के प्रयासों की सराहना करने के लिए मनाया जाता है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य मानकों को बनाने में योगदान करते हैं. ये ‘मानक’ तकनीकी दस्तावेज़ीकरण की वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित और प्रशंसित हैं. सदस्य देश इस दिन दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ स्मार्ट शहरों के निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प लेते हैं.
मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन के अनुसार, सतत विकास लक्ष्य (SDGs), जो सामाजिक असंतुलन को दूर करने, जलवायु परिवर्तन की दर को धीमा करने, एक स्थायी अर्थव्यवस्था विकसित करने की परियोजना है, अत्यधिक महत्वाकांक्षी हैं.
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, विभिन्न सार्वजनिक और निजी भागीदारों के सहयोग, अनुरूपता मूल्यांकन और अंतर्राष्ट्रीय मानकों सहित सभी उपलब्ध उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता होगी.
अंतर्राष्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के स्वैच्छिक सहमति आधारित अंतरराष्ट्रीय मानकों को मजबूत और डिवेलप बनाने के लिए साल 2001 में वर्ल्ड स्टैंडर्ड कॉर्पोरेशन की स्थापना हुई थी.
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड, भारत में मानकीकरण गतिविधियों के सामंजस्य पूर्ण विकास के उद्देश्य से साल 1947 को स्थापना हुई थी.भारतीय मानक संस्थान को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के माध्यम से साल 1986 में भारतीय मानक ब्यूरो का नाम को बदला गया था.यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है.