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World Bee Day: मधुमक्खियों के बिना खत्म हो सकती है ये दुनिया, आखिर क्यों इतनी जरूरी हैं मधुमक्खियां

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मधुमक्खियां पौधों में परागण का काम करती हैं. इनकी वजह से ही हमें खाने को तरह-तरह के फल, सब्जियां और अनाज मिलते हैं. मधुमक्खी के महत्व को लेकर जागरूकता के लिए हर वर्ष 20 मई को 'विश्व मधुमक्खी दिवस' के रूप में मनाया जाता है. जानें क्यों मधुमक्खियां होती हैं खास.

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World Bee Day 2024: हमारे पर्यावरण को बनाये रखने में कीटों खासकर मधुमक्खियों का बहुत बड़ा योगदान होता है. मधुमक्खियों के बिना किसी भी तरह के खाने की चीजों का उत्पादन संभव नहीं है. उनके बिना पेड़ पौधों का अस्तित्व भी खत्म हो जायेगा. बिना पेड़-पौधों के धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही मधुमक्खी की संख्या तेजी से घटने लगी थी. घास के मैदान और फूलों भरे बगीचे तितलियों, मधुमक्खियों, ड्रैगनफ्लाई, मोठ और अन्य कीटों का घर होते हैं. ऐसे में अगली बार अगर भूले-भटके कोई मधुमक्खी आपके घर में चली आये तो उसे बेवजह मारने की कोशिश मत कीजिएगा.

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कीटनाशक हैं मधुमक्खियों के दुश्मन

Honey Bee
World bee day: मधुमक्खियों के बिना खत्म हो सकती है ये दुनिया, आखिर क्यों इतनी जरूरी हैं मधुमक्खियां 3

तरह-तरह के कीटनाशकों के इस्तेमाल से धीरे-धीरे कीटों की संख्या घटती जा रही है. लगातार जंगलों के कटते जाने से कई तरह के जंगली फूल और फल भी खत्म हो चुके हैं. ऐसे में मधुमक्खियां भी अब शहरी क्षेत्रों में न के बराबर दिखती हैं. आइयूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय क्रियाकलापों से प्रकृति का लगातार विनाश हो रहा है. इस रिपोर्ट में पर्यावरण और उसमें रहने वाले जीवों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी थी. एक अध्ययन में यह भी सामने आया कि 1980 के बाद से ही कीटों खासकर मधुमक्खियों की संख्या कम हुई है.

आप बना सकते हैं अपना बी स्ट्रीट

Flower Pot
World bee day: मधुमक्खियों के बिना खत्म हो सकती है ये दुनिया, आखिर क्यों इतनी जरूरी हैं मधुमक्खियां 4

अगर आप मधुमक्खियों के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो गर्मी के मौसम से बेहतर और कोई वक्त हो ही नहीं सकता. शहरी क्षेत्रों में मधुमक्खियों के लिए खाना खोजना सबसे बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि यहां पेड़-पौधे न के बराबर होते हैं. बस थोड़ी-सी मेहनत से आप खुद का बी स्ट्रीट तैयार कर सकते हैं. इसके लिए किसी ज्यादा बड़े जगह की भी जरूरत नहीं है. घर की बालकनी, दरवाजों के पास या छत पर जहां कहीं भी जगह हो और अच्छी धूप और हवा आती हो, वहीं पर आप गमलों में तरह-तरह के फूलों के पौधे लगा सकते हैं. इससे घर की खूबसूरती भी बढ़ेगी साथ ही मधुमक्खियों को खाना खोजने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी.

दुनियाभर में क्यों मनाते हैं ‘वर्ल्ड बी डे’

दुनियाभर में विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई को मनाया जाता है. यह दिन मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने वाले एंटन जान्सा के जन्मदिवस के अवसर पर सेलिब्रेट किया जाता है. एंटन जान्सा का जन्म 20 मई, 1734 को स्लोवेनिया में हुआ था. इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य लोगों को मधुमक्खियों और दूसरे कीटों का हमारे पर्यावरण में क्या महत्व है यह समझाना है. यूएन ने दिसंबर 2017 में 20 मई को वर्ल्ड बी डे के तौर पर मान्यता दी थी.

मधुमक्खियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • मधुमक्खियों की लगभग 250 ज्ञात प्रजातियां हैं.
  • मधुमक्खियाँ फूलों की खोज में अपने छत्ते से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तक चली जाती हैं. फूलों की खोज के लिए वे सूरज की स्थिति के अनुसार अपना रास्ता खोजती हैं.
  • अपना खाना खोजने के दौरान मधुमक्खियां 21 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं.
  • गर्मियों के मौसम में मधुमक्खियों के छत्ते में 35 हजार से 40 हजार मधुमक्खियां तक मौजूद रहती हैं, लेकिन ठंड के दिनों में यह संख्या घटकर पांच हजार के करीब रह जाती है.
  • शहद के अलावा मधुमक्खियां बी वैक्स (मोम), बी ब्रेड और रॉयल जेली का भी उत्पादन करती हैं.

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