21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 11:22 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Sawan 2024:3600 फीट ऊंचाई पर स्थित है परशुराम महादेव मंदिर

Advertisement

भगवान परशुराम की तपस्या स्थली परशुराम महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है हर साल सावन महाशिवरात्री के अवसर पर यहां शिव भक्त दर्शन के लिए आते है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Rajasthan: अरावली पर्वतमाला की सुंदर पहाड़ियों में बसा राजस्थान का परशुराम महादेव मंदिर(Parshuram Mahadev Temple) आध्यात्मिक साधकों और इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक आकर्षक स्थान है. भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम(Lord Parshuram) को समर्पित यह प्राचीन मंदिर अपने समृद्ध इतिहास, दिलचस्प किंवदंतियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है.आइए मंदिर के इतिहास, रहस्यों के बारे में जानें

- Advertisement -

भगवान परशुराम ने स्वयं अपने फरसे से किया था निर्माण

Lord Parshuram
Parshuram mahadev temple,rajsamand,rajasthan (image source-social media)

राजसमंद(Rajsamand) जिले के कुंभलगढ़(Kumbhalgarh) गांव के पास स्थित परशुराम महादेव मंदिर(Parshuram Mahadev Temple) प्राचीन काल का माना जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने योद्धा कौशल और धर्म के प्रति समर्पण के लिए जाने जाने वाले परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी (फरसे) से स्वयं इस गुफा मंदिर का निर्माण किया था. प्राकृतिक चट्टान के भीतर स्थित इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जो इसकी दिव्य आभा को और बढ़ाता है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3600 फीट है.

परशुराम ने यहां ध्यान लगाया था

Lord Parshuram 1
Lord parshurama

मंदिर का सबसे आकर्षक पहलू यह है कि यह विभिन्न किंवदंतियों से जुड़ा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि परशुराम ने अपने पापों का प्रायश्चित करने और भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए यहां ध्यान लगाया था. मंदिर का एकांत गुफा में स्थित होना और यहां तक ​​पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई करना, रहस्य को जोड़ता है, जो इसके आध्यात्मिक आकर्षण को बढ़ाता है.

लोगों का यह भी मानना है कि भगवान परशुराम कि तपस्या के फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव से धनुष और अक्षय तरकश प्राप्त किया था जिसके बाण कभी खत्म नही होते थे और धनुष का निशाना अचूक होता था.

परशुराम महादेव मंदिर के बारे में पांच रोचक तथ्य

Parshuram Mahadev Temple
Parshuram mahadev temple,rajsamand,rajasthan (image source-social media)

1. स्वयंभू शिवलिंग: परशुराम महादेव मंदिर में शिवलिंग कोई साधारण नहीं है. ऐसा माना जाता है कि यह स्वयंभू है, जो प्राकृतिक रूप से जमीन से निकलता है. यह घटना दुर्लभ है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है, जो हजारों भक्तों को आकर्षित करती है जो आशीर्वाद और आध्यात्मिक शांति चाहते हैं.

2. भूमिगत जल स्रोत: मंदिर की गुफा के भीतर, एक बारहमासी जल स्रोत है जिसे पवित्र माना जाता है. गुफा की छत से लगातार पानी टपकता रहता है, जिससे शिव लिंगम के चारों ओर एक प्राकृतिक जल कुंड बन जाता है. इस जल को पवित्र माना जाता है, और भक्त अक्सर इसके उपचार गुणों के लिए इसे इकट्ठा करते हैं.

3. वार्षिक मेला और उत्सव: मंदिर आमतौर पर अगस्त में श्रावण शुक्ल एकादशी के अवसर पर आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के दौरान गतिविधि का एक जीवंत केंद्र होता है. देश भर से तीर्थयात्री मंदिर में आते हैं, अनुष्ठानों, भजन (भक्ति गीत) और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं. यह मेला राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक झलक का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है.

4. चुनौतीपूर्ण ट्रेक: परशुराम महादेव मंदिर तक पहुंचना अपने आप में एक रोमांच है. आगंतुकों को घने जंगलों और चट्टानी इलाकों से होकर लगभग 500 सीढ़ियों का चुनौतीपूर्ण ट्रेक करना चाहिए. यह ट्रेक, हालांकि चुनौतीपूर्ण है, लेकिन आसपास के परिदृश्य के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, जो यात्रा को गंतव्य के समान ही पुरस्कृत करता है.

5. संरक्षित विरासत स्थल: अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचानते हुए, परशुराम महादेव मंदिर को राजस्थान सरकार द्वारा संरक्षित विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है. यह दर्जा इसकी अनूठी वास्तुकला, प्राकृतिक सुंदरता और मंदिर को घेरने वाले शांत वातावरण के संरक्षण को सुनिश्चित करता है.

Also read- MP के मंदसौर में है अष्टमुखी पशुपतिनाथ का मंदिर, एक ही समय में आठ अलग रूपों में देते है दर्शन

Mahakaleshwar Jyotirlinga:महाकाल के प्रमुख गण के रूप में पूजे जाते है काल भैरव

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें