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Odisha Tourism: इस पहाड़ी से शानदार दिखता है भुवनेश्वर शहर

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Odisha Tourism: भीषण रक्तपात का साक्षी रहा धौली गिरी पहाड़ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक इस पहाड़ी पर शांति स्तूप और मंदिर के दर्शन करने आते हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं धौलिगिरी के बारे में.

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Odisha अपने प्राचीन मंदिरों, खूबसूरत संरचनाओं, मनमोहक झीलों, मनोरम दृश्यों और समुद्र तट के लिए विश्व विख्यात है. यहां मौजूद धौलिगिरी पहाड़ अपने इतिहास और संरचना के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. यह पहाड़ इतिहास के भीषण युद्धों में से एक कलिंग युद्ध का साक्षी रहा है. दया नदी के किनारे स्थित इस पहाड़ी का इतिहास काफी समृद्ध रहा है. अगर आप भी ओड़िशा जाने का प्लान बना रहे हैं तो धौलिगिरी जरूर आएं.

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कैसे पहुंचे धौली गिरी

ओड़िशा के भुवनेश्वर से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है धौलिगिरी पहाड़ी. आप यहां ट्रेन, सड़क और हवाई मार्ग से आ सकते हैं. इसका निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा भुवनेशर है

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कलिंग युद्ध का है साक्षी

यह खूबसूरत पहाड़ी एक विशाल खुली जगह है, जिसके शिखर पर एक बड़े चट्टान में अशोक के शिलालेख मौजूद हैं. ये शिलालेख ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं. यह पहाड़ी दया नदी के किनारे मौजूद है. धौलिगिरी पहाड़ इतिहास का प्रसिद्ध कलिंग युद्ध का क्षेत्र माना जाता है. इस युद्ध की दुर्गति देखकर ही सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तित हुआ था. यहां पहाड़ी के शिखर पर एक सफेद गुंबद नुमा स्तूप है, जो शांति स्तूप के रूप में जाना जाता है. इस स्तूप में बुद्ध की मूर्तियां उत्कीर्ण है.

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स्तूप की दीवारों के चारों ओर भगवान बुद्ध के जीवन और उस समय के परिवेश से जुड़ी कई कलाकृतियां मौजूद हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इस शांति स्तूप की सीढ़ियों के प्रारंभ में ही दोनों ओर सिंहों की प्रतिमा बनाई गई है. स्तूप के चबूतरे पर पहुंचने पर चिर साधना में लीन बुद्ध की प्रतिमा नजर आती है. चबूतरे से देखने पर भुवनेश्वर शहर काफी शानदार नजर आता है, यहां की हरियाली देखकर मन पुलकित हो उठता है. शांति स्तूप से नीचे की ओर धौलिगिरी पहाड़ पर एक शिव मंदिर है, इसके प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है. धौली गिरी पहाड़ अपने समृद्ध इतिहास, खूबसूरत शांति स्तूप और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों में प्रसिद्ध है.

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