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Skin Care: चेहरे के रंग से अलग नजर आ रहा सफेद दाग, कहीं इस बिमारी के तो नहीं है लक्षण, जानें

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skin care: विटिलिगो यानी सफेद धब्बे त्वचा से जुड़ी बीमारियों में से एक है, जो रक्त से जुड़ी एलर्जी, गलत खान-पान और त्वचा के संक्रमण के कारण होता है. इस बारे में पूरी जानकारी यहां है.

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Skin Care: अगर आपको अपनी त्वचा में किसी भी तरह का रंग परिवर्तन महसूस हो रहा है तो तुरंत इस पर ध्यान दें, क्योंकि ये ‘विटिलिगो’ का संकेत हो सकता है. आपने कई लोगों को देखा होगा जिनकी त्वचा सफ़ेद होने लगती है. इसे मेडिकल भाषा में ‘विटिलिगो’ कहते हैं. वैसे तो इस समस्या का व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है, लेकिन जो लोग इसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं, उन्हें ये मानसिक और भावनात्मक रूप से काफी हद तक परेशान करता है. ऐसे में विटिलिगो क्यों होता है और इसके फैलने पर क्या करना चाहिए, इन सवालों के जवाब आपको जानने की जरूरत है.

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क्या है ये बीमारी?

शरीर पर होने वाले सफ़ेद धब्बों को मेडिकल भाषा में विटिलिगो कहते हैं. विटिलिगो एक ऐसी स्थिति है, जिसमें त्वचा का रंग हल्का होने लगता है या सफ़ेद हो जाता है. कमज़ोर इम्यून सिस्टम की वजह से रंग बनाने वाली कोशिकाएं मर जाती हैं. ऑटोइम्यून रोग, जैसे कि थायरॉयड रोग या टाइप 1 डायबिटीज़, भी त्वचा के रंग में बदलाव का कारण बनते हैं.

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त्वचा के अत्यधिक धूप, तनाव या रसायनों के संपर्क में आने से भी यह समस्या देखने को मिलती है. इसके अलावा विटिलिगो के आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं. इस बीमारी में मरीज के शरीर के लगभग सभी हिस्सों पर सफेद धब्बे होते हैं, जो ज़्यादातर पैरों, चेहरे और हाथों पर दिखते हैं. विटिलिगो यानी सफेद धब्बे त्वचा से जुड़ी बीमारियों में से एक है, जो रक्त से जुड़ी एलर्जी, गलत खान-पान और त्वचा के संक्रमण के कारण होता है.

लक्षणों की पहचान


विटिलिगो की शुरुआत आम है. आमतौर पर इसकी शुरुआत शरीर में खुजली से होती है. इसके बाद शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर छोटे या बड़े सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं. आमतौर पर इन धब्बों से मरीज को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन कई बार इनकी वजह से दूसरे लोग इस बीमारी से पीड़ित मरीज से डरने लगते हैं.

लोगों के इस तरह के व्यवहार से मरीज में तनाव और हीन भावना पैदा होती है, जो उसे मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है. त्वचा का रंग फीका पड़ना विटिलिगो का मुख्य लक्षण है. इसके अलावा कई मामलों में मुंह के अंदर के ऊतकों का रंग बदलना, गर्दन पर सफेद धब्बे, पीठ पर सफेद धब्बे और आंखों के रेटिना की अंदरूनी परत का रंग फीका पड़ना भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

मेलानोसाइट्स हैं मुख्य कारण

त्वचा पर सफेद धब्बे होने के कई कारण हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि त्वचा पर सफेद धब्बे तब बनते हैं जब व्यक्ति के शरीर में रंग बनाने वाली कोशिकाएं (मेलानोसाइट्स) काम करना बंद कर देती हैं. ये कोशिकाएं हमारे बालों, त्वचा, होठों आदि को रंग प्रदान करती हैं, जिससे हमारा व्यक्तित्व निखरता है.

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