16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

World Hypertension Day 2024: हाइपरटेंशन से राहत दिलायेंगे ये आसन व प्राणायाम, बनाएं जीवनशैली का हिस्सा

Advertisement

हर वर्ष 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जाता है. हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप धमनियों में खून का दबाव बढ़ने से होने वाला रोग है. इससे बचाव में विविध आसन व प्राणायाम कारगर होते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

World Hypertension Day 2024: हाइपरटेंशन के रोगियों को बहुत हल्के या सूक्ष्म व्यायाम ही करने चाहिए. उन्हें ऐसा कोई आसन या प्राणायाम नहीं करना चाहिए, जिसमें कुंभक लगाना पड़ता हो. नाड़ीशोधन प्राणायाम भी हाइपरटेंशन में फायदेमंद है, बशर्ते उसे बगैर कुंभक के किया जाये. हाइपरटेंशन से मुक्ति के जो भी उपाय हैं, उन्हें निम्न रक्तचाप पीड़ितों को नहीं आजमाना चाहिए.

- Advertisement -

पद्मासन से मन हो जाता है शांत

यह पूजा की अवस्था है. इससे हमारी दोनों नासिकाएं चलने लगती हैं और शरीर की सभी नस-नाड़ियों की शुद्धि होती है. बुरे विचार विदा होने लगते हैं और मन एकदम शांत हो जाता है.

क्या है पद्मासन की विधि

उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर सुखपूर्वक बैठें. रीढ़ सीधी रखते हुए बायें पैर के पंजे को दाहिनी जंघा पर और दाहिने पैर के पंजे को बायें पैर की जंघा पर रखें. घुटने जमीन से लगे रहें. अब बायें हाथ को दोनों पैरों के तलवों से थोड़ा ऊपर इस प्रकार रखें कि दाहिनी हथेली बायीं हथेली के ऊपर रहे और दोनों हथेलियां नाभि को स्पर्श करती हुई हों. इस स्थिति में धीमी-लंबी-गहरी सांस के साथ भाव करें कि आपके सभी चक्र जागृत हो रहे हैं. हथेलियों को नाभि के पास रखने के बजाय, यदि पैरों को जांघों पर रखकर ज्ञानमुद्रा (अंगूठे तर्जनी के अग्र भाग से मिले हुए तथा शेष उंगलियां सीधी) लगा ली जाये, तो यह आसन काफी अधिक समय तक किया जा सकता है. शुरुआत में, यदि हाथों को नाभि के पास रखने में असुविधा महसूस हो, तो हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर रखते हुए उन्हें घुटनों पर भी रख सकते हैं.

सावधानी : जितनी देर सहज हो, उतनी देर ही बैठें. बीच-बीच में पैरों की स्थिति बदल लें.

शीतली प्राणायाम से मिलती है शीतलता

इससे शरीर का तापमान कम होता है और मन प्रसन्न रहता है. आमतौर पर इसे अंतर्कुंभक के साथ ही किया जाता है, लेकिन यहां बिना कुंभक के करने की विधि जानें.

क्या है शीतली प्राणायाम की विधि

सुखासन में बैठकर जीभ को बाहर निकालें और गोल-गोल घुमाने का प्रयास करें. इस दौरान मुख से गहरी सांस भरें और मुंह बंद रखते हुए नाक से सांस निकल जाने दें. न्यूनतम 10 बार करें.

सावधानी : कफ या कब्ज की स्थिति में न करें.

तापमान नियंत्रित रखता शीतकारी प्राणायाम

यह ताजगी देने वाला प्राणायाम है. शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है. उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है.

क्या है शीतकारी प्राणायाम की विधि

सुखपूर्वक बैठें. मुंह के भीतर जीभ को ऊपर की ओर मोड़कर अगले हिस्से को तालु से सट जाने दें. अपने दांतों को भींचते हुए स्स…स्स… की आवाज करते हुए सांस फेफड़े में भरें. अब ठोड़ी को गर्दन के निचले हिस्से से लग जाने दें, ताकि जालंधर बंध लग जाये. फिर नासिका से बाहर निकल जाने दें. पांच से 10 बार करें. जालंधर बंध लगाये, बगैर भी कर सकते हैं.

सावधानी : वातरोग पीड़ितों को इसे नहीं करना चाहिए.

चंद्रभेदी प्राणायाम करता अनिद्रा को दूर

इससे ईड़ा नाड़ी सक्रिय होने के कारण गर्मी का अनुभव कम होता है और शरीर में शीतलता महसूस होती है. तनाव, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की समस्या कम होती है. फुर्ती आती है. इसे जालंधर और मूलबंध के साथ करने की परंपरा है, लेकिन बंध के बगैर भी इसका लाभ लिया जा सकता है.

क्या चंद्रभेदी प्राणायाम की विधि

आंखें बंद रखते हुए अंगूठे से दायीं नासिका बंद कर लें. रीढ़ सीधी हो. अब बायीं नासिका से पहले सांस निकालें और फिर बायीं नासिका से ही धीमी-लंबी-गहरी सांस लें. फिर दायीं नासिका से सांस छोड़ें. 10 से 20 राउंड तक करें. हर राउंड में केवल बायीं नासिका से ही सांस लेनी है और दायीं से ही सांस छोड़नी है. सांस छोड़ते समय नासिका से आवाज न निकले.

सावधानी : खालीपेट ही करें. इसका अभ्यास शीतकाल में वर्जित है. जिस दिन चंद्रभेदी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हों, उस दिन सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास न करें.

Also Read: Hypertension: बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है हृदय रोगों का खतरा, बचाव के लिए करें जीवनशैली में ये बदलाव

(योगाचार्य ओशिन सतीजा से बातचीत पर आधारित)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें