21.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 12:40 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

National Broadcasting Day 2022: आज है राष्ट्रीय प्रसारण दिवस, आज ही शुरू हुआ था भारत में आकाशवाणी का सफर

Advertisement

National Broadcasting Day 2022: भारत में, रेडियो के महत्व से लोगों को अवगत कराने के लिए हर साल 23 जुलाई को “राष्ट्रीय प्रसारण दिवस” ​​मनाया जाता है. 1927 से रेडियो भारत में लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और लगातार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन उपलब्ध कराता रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

National Broadcasting Day 2022: 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है. इसी दिन सन 1927 में इंडियन प्रसारण कंपनी ने मुंबई स्टेशन से रेडियो का प्रसारण प्रारम्भ किया था. सन 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले 2 ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई. उसके बाद सन 1930 में इन ट्रांसमीटरों को सरकार ने अपने कण्ट्रोल में ले लिया. फिर इसे भारतीय प्रसारण सेवा का नाम देकर, परिचालित करना शुरू कर दिया. 1935 तक इसे भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से ही जाना जाता था. लेकिन वर्ष 1936 में इसका नाम परिवर्तित कर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया.

- Advertisement -

सन 1957 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा. आज लगभग देश के हर हिस्से तक रेडियो की पहुंच है. 1927 से रेडियो भारत में लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और लगातार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन उपलब्ध कराता रहा है. वर्तमान में आकाशवाणी विश्व के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में एक है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय प्रसारण दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि रेडियो ही एक ऐसा जरिया है जो देशभर में सभी जगहों पर आसानी से खबरों के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम बना है.

आकाशवाणी ने तय किया है एक लंबा सफर

“बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” आदर्श वाले आकाशवाणी ने एक लंबा सफर तय किया है. सन 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले 2 ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई थी. उसके बाद सन 1930 में इन ट्रांसमीटरों को सरकार ने अपने कण्ट्रोल में ले लिया. फिर इसे भारतीय प्रसारण सेवा का नाम देकर परिचालित करना शुरू कर दिया गया. 1935 तक इसे भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से ही जाना जाता था. लेकिन वर्ष 1936 में इसका नाम बदल कर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया और 1956 में आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा.

‘मन की बात’ ने रेडियो को फिर से दिलों में किया जिंदा

2014 से पहले रेडियो का प्रचलन कम हो गया था, तभी भारत में रेडियो के माध्यम से एक ऐसे कार्यक्रम का प्रसारण आरंभ हुआ, जिसने देखते ही देखते फिर से रेडियो को दिलों में जिंदा कर दिया. यह कार्यक्रम है मन की बात. आज शहर ही नहीं, गांव-कस्बों में भी मन की बात कार्यक्रम को काफी पसंद किया जाता है. रेडियो के महत्व पर बात करते हुए पीएम मोदी ने भी कहा था कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत संचार की पहुंच और उसकी गहराई है, शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि प्रसार भारती अब तक ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 78 एपिसोड प्रसारित कर चुका है.”

कोरोना महामारी के दौरान निभाई अपनी जिम्मेदारी

कोरोना महामारी के समय में जब सब कुछ थम गया था, तो दूर-दराज के लोगों के पास एक माध्यम रेडियो ही था. कोविड में देश के कोने-कोने में जागरूकता फैलाने का काम कर रहा था. आपको बता दें कि हर रोज रात्रि 9:30 बजे कोविड-19 पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित करता है. फोन-इन कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली, एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आईसीएमआर के पूर्व वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर जैसे देश के जाने-माने स्वास्थ्‍य विशेषज्ञों ने लोगों के कोरोना से जुड़े संदेह दूर किए. कोरोना के दौर में रेडियो के माध्‍यम से शिक्षा से जुड़े कई कार्यक्रम भी प्रसारित किए गए.

150 देशों तक है इसकी पहुंच

भारत का लोक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक है. देश भर में प्रसार भारती के 470 प्रसारण केंद्र हैं, जो लगभग 92% देश का क्षेत्रफल और कुल जनसंख्या का 99.19% को कवर करते हैं. आकाशवाणी मूल रूप से 23 भाषाओं और 179 बोलियों में कार्यक्रमों को प्रसारित करता है. मीडियम तथा शार्ट वेव सेवाओं के माध्यम से इसकी पहुंच 150 देशों तक है. प्रसार भारती के NewsonAIR मोबाइल ऐप के 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. इस ऐप पर आप ऑल इंडिया रेडियो के सभी रेडियो चैनल को डिजिटल रूप में सुन सकते हैं. अब तो इंटरनेट से सीधे कनेक्ट करके भी रेडियो का आनंद उठाया जा सकता है. आज के समय में हमारे पास कई साधन हैं, लेकिन रेडियो के प्रति आज भी लोगों के दिलों में दीवानगी बरकरार है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें