25.1 C
Ranchi
Saturday, February 15, 2025 | 06:36 pm
25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बहुत खास है आज का इतिहास, आज ही के दिन हुई थी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला और रोशन सिंह को फांसी

Advertisement

Kakori Balidan Diwas 2022,Shaheed Diwas,Todays History: राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला और रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई लेकिन वह भी अलग अलग जगहों पर. 19 दिसंबर को देश में शहादत दिवस मनाया जाता है. इस दिन का ऐतिहासिक और देशप्रेम के लिहाज से बहुत महत्व है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Shaheed Diwas: अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने के लिए क्रांतिकारियों ने काकोरी कांड को अंजाम दिया था, इस मामले में राम प्रसाद बिस्मिल (ram prasad bismil), अशफाक उल्ला खां (Ashfaq Ullah Khan), ठाकुर रोशन सिंह (Thakur Roshan Singh) और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी की सजा सुनाई गई थी. बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई लेकिन वह भी अलग अलग जगहों पर. 19 दिसंबर को देश में शहादत दिवस मनाया जाता है. इस दिन का ऐतिहासिक और देशप्रेम के लिहाज से बहुत महत्व है.

राजेंद्र लाहिड़ी को हुई थी 17 दिसंबर को फांसी

क्रांतिकारी राजेंद्र लाहिड़ी को भी 19 दिसंबर को ही फांसी दी जानी थी, लेकिन जनता के विद्रोह को देखते हुए राजेंद्र लाहिड़ी को गोंडा जेल में इसी तरह दो दिन पहले यानी 17 दिसंबर को फांसी पर चढ़ा दिया गया था.

फांसी के लिए तीन अलग- अलग जेल चुनी गई थीं

  • अशफाक उल्ला खां को 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी की सजा दी गई थी.

  • पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को फैजाबाद जेल में फांसी की सजा दी गई थी.

  • ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद जेल में फांसी दी गई थी.

काकोरी कांड ने गोरी सरकार को हिला कर रख दिया था

काकाकोर कांड को अंजाम देने के कारण आजादी के इन मतवालों को सूली पर चढ़ाया गया था. वो 9 अगस्त 1925 की रात थी जब चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह समेत तमाम क्रांतिकारियों ने लखनऊ से कुछ दूरी पर काकोरी और आलमनगर के बीच ट्रेन में ले जाए जा रहे सरकारी खजाने को लूट लिया था. इतिहास में काकोरी कांड के नाम से दर्ज इस घटना ने गोरी सरकार को हिला कर रख दिया था. वहीं खजाना लूटे जाने के बाद चंद्रशेखर आजाद पुलिस के हाथ नहीं लगे थे लेकिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह पुलिस के चंगुल में फंस गए. बाद में अंग्रेजी सरकार ने मुकदमा चलाकर देश के इन महान क्रांतिकारियों को सूली पर चढ़ा दिया था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें