Attukal Pongala: अट्टुकल पोंगल देवी शक्ति की आराधना का एक दस दिवसीय त्योहार है, जिसमें महिलाएं सामूहिकता के साथ शामिल होती हैं और उत्सव का आनंद उठाती हैं. हमारे देश में त्योहार महिलाओं के बिना अधूरा लगता है.

बंगाल में शक्ति पूजन सबसे अधिक होता है लेकिन जब हम अट्टुकल पोंगल से परिचित होते हैं तो यह जान पाते हैं कि नारी शक्ति की पूजा पूरे भारतवर्ष में उसी उत्साह के साथ की जाती है.

अट्टुकल पोंगल देवी अट्टुकल यानी माता पार्वती और उनकी शक्ति को दर्शाते हुए मनाया जाता है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. अट्टुकल पोंगल केरल में महिलाओं द्वारा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. केरल में इस पर्व की धूम रहती है और महिलाएं इसका इंतजार पूरे साल करती हैं. यह त्योहार दस दिन तक बनाया जाता है.

अट्टुकल पोंगल मलयालम के कुंभम महीने में मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 25 फरवरी को मनाया जाने वाला है. इसमें श्रद्धालु महिलाएं अट्टुकल देवी से प्रार्थना करती हैं और उन्हें पायसम या खीर चढ़ाती हैं. यह प्रसाद देवी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है.

यह देश में मनाए जाने वाले सबसे बड़े शक्ति पूजा में से एक है. इस दस दिवसीय उत्सव में हजारों महिलाएं सुबह तैयार होकर अट्टुकल भगवती मंदिर के सामने एकत्र होती हैं. महिलाएं सड़कों के किनारे और मंदिर के आस-पास ईंटों से चूल्हे बनाती हैं और एक बर्तन में खीर या पायसम बनाती हैं. यह दुनिया में महिलाओं का सबसे बड़ा उत्सव है.
Vastu Tips: फाइनेंशियल प्रॉब्लम नहीं छोड़ रही पीछा? तो अभी फॉलो करें ये टिप्स, अचानक मिलेगा धन लाभ: Attukal Pongala: ‘अट्टुकल पोंगल’ यानी देवी शक्ति की आराधना का उत्सव, जानिए क्या है महत्व
यह एक सामाजिक कार्यक्रम होता है जिसमें महिलाएं एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे से जुड़ पाती हैं. अट्टुकल पोंगल एक तरह से महिलाओं का ऐसा त्योहार है जिसमें वे एक साथ आनंद उठाती हैं और देवी शक्ति की आराधना करती हैं.
