17.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 01:27 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए रेसमेड इंडिया ने Wake Up To GoodSleep कैंपेन की शुरुआत की

Advertisement

ResMed डिजिटल हेल्थ और कनेक्टेड (स्लीप एवं रेस्पिरेटरी केयर) डिवाइसेस के क्षेत्र में दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसने नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक नए कैंपेन, यानी Wake Up To Good Sleep की शुरुआत की है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : रेसमेड डिजिटल हेल्थ और कनेक्टेड (स्लीप एवं रेस्पिरेटरी केयर) डिवाइसेस के क्षेत्र में दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसने नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक नए कैंपेन, यानी #WakeUpToGoodSleep की शुरुआत की है.

इस कैंपेन के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि अच्छी सेहत के लिए गहरी नींद सोना बेहद जरूरी है. वास्तव में हमारे देश में ज्यादातर लोगों को ऐसी बीमारियों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, लिहाजा उन्हें यह बताना बेहद जरूरी हो गया है कि नींद से जुड़ी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस बीमारी का कई तरीकों से इलाज संभव है.

आज, लाखों भारतीय नींद से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर मामलों में इसका पता नहीं चल पाता है. 2019 में लैन्सेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि, भारत में करोड़ो लोग स्लीप एप्निया से पीड़ित हैं. नींद से जुड़ी बीमारियों का इलाज नहीं कराने से हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है, जिनमें हार्ट-अटैक, डायबिटीज, डिप्रेशन, और इसी तरह की कई बीमारियां शामिल हैं. इसलिए, नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी हो गया है.

इस डिजिटल कैंपेन के जरिए पीड़ित लोगों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में बताया जाएगा. इस कैंपेन के एक हिस्से के रूप में रेसमेड ने एक शॉर्ट एजुकेशनल फ़िल्म भी लॉन्च की है, जिसमें स्लीप एप्निया और उससे जुड़े लक्षणों के बारे में दिखाया गया हैं. स्लीप एप्निया नींद से संबंधित एक बीमारी है और लोगों को मालूम ही नहीं है कि इस बीमारी का हमारी सेहत पर कितना बुरा असर होता है, जिसमें थकान, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और यहां तक कि सड़क पर होने वाली दुर्घटनाएं भी शामिल हैं. इस फ़िल्म में रात को गहरी नींद सोने के महत्व के बारे में अच्छी तरह बताया गया है.

रेसमेड ने स्लीप कोच असिस्टेंस सेवा शुरू की है जो पीड़ितों की हर प्रकार की सवालो तथा नींद संबंधित जानकारी के बारे में बताते हैं, ताकि मरीज रात में चैन की नींद का आनंद ले सकें. इस सेवा के जरिए स्लीप डिसऑर्डर से जूझ रहे मरीजों की मदद की जाती है. इसमें ‘होम स्लीप टेस्ट’ के जरिए स्लीप एप्निया का पता लगाया जाता है, और फिर इसके मरीजों को इलाज के अलग-अलग तरीकों के बारे में अच्छी तरह समझाया जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक CPAP (कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) इस बीमारी का गोल्ड स्टैण्डर्ड (सर्वश्रेष्ट्र) थेरेपी हैं. इसके अलावा, उन्हें बिना किसी परेशानी के डिवाइस के इंस्टॉलेशन तथा डिवाइस की खरीद के लिए EMI योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और ऑफ़र के बारे में बताया जाता है.

इस मौके पर सीमा अरोड़ा- नेशनल मार्केटिंग हेड, एशिया एवं लैटिन अमेरिका, रेसमेड, कहती हैं, “भारत में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है, और इसके साथ ही लोग खान-पान में बदलाव, प्रतिदिन व्यायाम करने और मानसिक स्वास्थ्य को ज्यादा अहमियत देने लगे हैं. हालांकि, संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य में नींद का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान होता है लेकिन अक्सर लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं.“ वह आगे कहती हैं, “भारत जैसे बड़े देश में लोगों के बीच नींद के बारे में जागरूकता का स्तर बेहद कम है और यहां 1.3 अरब से ज्यादा की आबादी के लिए केवल गिने-चुने स्लीप लैब्स मौजूद हैं. स्लीप थेरेपी के क्षेत्र में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाने वाले रेसमेड ने इस अभियान के माध्यम से भारतीयों के बीच जागरूकता फैलाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें चिकित्सा समुदाय भी शामिल है. रेसमेड का यह अभियान एक सरल विचार – ‘क्योंकि नींद अच्छी तो दिन अच्छा’ से प्रेरित है. यह विचार इस सच्चाई को उजागर करता है कि, नींद से संबंधित बीमारियां किस तरह हमारी पूरी सेहत पर बुरा असर डालती हैं.”

रेसमेड इंडिया ने डॉ. मनवीर भाटिया और उनकी स्लीप सोसाइटी – ASSM ऐस स्कूल ऑफ स्लीप साइंस, तथा डॉ. सुजीत राजन सहित देश के कुछ प्रमुख स्लीप एक्सपर्ट के साथ मिलकर वेब-एजुकेशन सीरीज़ की शुरुआत की है, ताकि डॉक्टरों को भी नींद से जुड़ी बीमारियों के बारे में बताया जा सके और उन्हें जागरूक किया जा सके. मई 2020 के बाद से रेसमेड ने अपने इस शिक्षा जागरूकता अभियान के तहत पूरे भारत में 700 से अधिक डॉक्टरों को सर्टिफाई किया.

भारत की जानी-मानी स्लीप स्पेशलिस्ट, डॉ. मनवीर भाटिया ने कहा, “आज लगभग पांच से दस प्रतिशत भारतीय नींद से संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं है और वे नहीं जानते कि इसका उनकी सेहत पर कितना बुरा असर होता है.” उन्होंने आगे बताया, “हम अपनी जिंदगी का लगभग एक तिहाई हिस्सा सोने में बिताते हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सोने का मतलब सामान्य रूप से आराम करना नहीं है. इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, तथा कुल मिलाकर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत में इसका बेहद अहम योगदान है. लिहाजा बड़ी संख्या में लोगों के बीच नींद के बारे में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है, ताकि सभी लोग अच्छी नींद को अपने संपूर्ण स्वास्थ्य के एक अहम घटक के रूप में स्वीकार करें और वे शरीर में होने वाली दूसरी बीमारियों तथा नींद के बीच के संबंध को समझ सकें. डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण सत्र, जन-जागरूकता अभियान और स्लीप कोच असिस्टेंस सेवाओं के जरिए लोगों को इस बारे में जागरूक बनाया जा सकता है. इन उपायों से लोगों के बीच चैन की नींद सोने की अहमियत बढ़ेगी.”

इन दिनों सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हो गया है. ऐसे हालात में रेसमेड के इनोवेटिव एवं कनेक्टेड स्लीप सॉल्यूशंस, मरीजों को अस्पताल के बाहर भी बेहतर ढंग से इलाज कराने में मदद कर रहे हैं. इसके नेटवर्क में 10 मिलियन से ज्यादा डिवाइस को क्लाउड से कनेक्ट किया गया है, जो डॉक्टरों को दूर रहकर भी अपने मरीजों की निगरानी करने की सुविधा प्रदान करते हैं. दूसरी ओर, मरीज भी डॉक्टर को अपनी सेहत से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं और डायग्नोसिस के बाद अपनी नींद की बीमारी का इलाज करा सकते हैं.

स्लीप कोच असिस्टेंस सेवा हेतु बुकिंग कराने, या फिर स्लीप टेस्ट कराने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर: 1800-103-3969 पर अभी कॉल करें.

रेसमेड का परिचय

रेसमेड ऐसे इनोवेटिव सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने में सबसे आगे है, जो लोगों का उपचार करने तथा उन्हें अस्पताल से दूर रखने में सहायक हैं तथा लोगों को सेहतमंद, उच्च-गुणवत्तायुक्त जीवन जीने में सक्षम बनाते हैं. हमारी डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी तथा क्लाउड से जुड़े चिकित्सा उपकरण स्लीप एप्निया, COPD और अन्य जटिल बीमारियों से पीड़ित मरीजों की देखभाल को और बेहतर बनाते हैं. हमारे व्यापक आउट-ऑफ-हॉस्पिटल सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म, उन सभी पेशेवर चिकित्साकर्मियों एवं देखभालकर्ताओं की मदद करते हैं, जो लोगों को घर में या अपने पसंदीदा स्थान पर स्वस्थ रहने में सहायता पहुंचाते हैं. मरीजों की देखभाल को बेहतर बनाकर, हम जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जटिल बीमारी के प्रभाव को कम करते हैं तथा 140 से अधिक देशों में उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की लागत को कम करते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए, कृपया www.resMed.com पर जाएं और @ResMed को फॉलो करें.

Posted By : Rajneesh Anand

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें