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Painkillers and Side-effects: रोज पेनकिलर ले रहे तो सावधान, डैमेज हो सकता है आपका लीवर

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Painkillers and Side-effects: सिर दर्द हो या पेट दर्द, दांत का दर्द हो या फिर घुटने का दर्द. जब कोई उपाय काम नहीं आता तो लास्ट ऑप्शन पेनकिलर लेना होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बार- बार पेनकिलर (Painkillers) दवाएं लेना आपकी बॉडी के लिए राहत कम खतरा अधिक है.

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Painkillers and Side-effects: रोजाना दर्द निवारक (Painkillers) दवाएं लेने वालों को यह जानना जरूरी है कि क्या इन दवाओं से वाकई राहत पहुंच रही है या आपकी बॉडी का कोई पार्ट्स डैमेज हो रहा है. दरअसल रोजाना दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने से Liver Injury , Acute Gastritis, Gastric Ulcers, Permanent Kidney Damage जैसी कई समस्याएं हो सकती है. दर्द निवारक दवाएं दो प्रकार की होती है पहला पेरासिटामोल-आधारित और एनएसएआईडी (NSAIDs) या गैर-स्टेरायडल एंटी इंफ्लामेंट्री ड्रग्स जैसे डाइक्लोफेनाक, सोडियम, इबुप्रोफेन, प्रोफेन, एसिक्लोफेनाक. हालांकि ये दवाएं मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होती हैं. इसलिए लोग दर्द होने पर घर के किसी भी सदस्य से या खुद से मंगा लेते हैं. लेकिन इन दवाओं को खाने में सावधानी बरतनी जरूरी है.

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किडनी को हो सकता है नुकसान

लगातार तीन से चार महीने तक एक ग्राम से अधिक पेरासिटामोल खाने से Liver और Kidney को नुकसान पहुंच सकता है. चिकित्सकों के अनुसार एक ग्राम पेरासिटामोल एनएसएआईडी जितना नुकसान नहीं पहुंचाता है, फिर भी आपको इसे लंबे समय तक नहीं खाना चाहिए. एनएसएआईडी की बात करें तो इसके लगातार सेवन से Liver Injury , Acute Gastritis, Gastric Ulcers, Permanent Kidney Damage जैसी कई समस्याएं पैदा कर सकते हैं इसके साथ ही वे आपकी अन्नप्रणाली के निचले सिरे को भी नुकसान पहुंचाते हैं . दो सप्ताह से अधिक समय तक एनएसएआईडी का सेवन करने से किडनी पूरी तरह डैमेज हो सकता है.

NSAIDs आपको हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे में डाल सकते हैं एस्पिरिन के अपवाद के साथ, एनएसएआईडी कुछ ही हफ्तों में दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकते हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है. एफडीए के अनुसार, आप जितने लंबे समय तक एनएसएआईडी का उपयोग करेंगे, आपका जोखिम बढ़ सकता है. एनएसएआईडी-प्रेरित हृदय समस्याओं या स्ट्रोक के लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, आपके शरीर के एक क्षेत्र में अचानक कमजोरी और अस्पष्ट वाणी (slurred speech) शामिल हैं. इसके अलावा एक अध्ययन में पाया गया कि इबुप्रोफेन उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के खतरे को बढ़ाता है. जब आप लंबे समय तक एनएसएआईडी लेते हैं, तो वे आपके शरीर में सोडियम और नमक बनाए रखते हैं, जिससे आपका blood pressure बढ़ सकता है इसीलिए अपने दर्द से राहत पाने के लिए कम से कम समय के लिए सबसे कम खुराक लेना और जितना संभव हो सके उनका उपयोग करना महत्वपूर्ण है. एनएसएआईडी प्रोस्टाग्लैंडीन संश्लेषण को रोकते हैं, लंबे समय तक उपयोग से किडनी फेल सकता है. यह कई अलग-अलग तरीकों से हो सकता है, जिसमें किडनी में खराब रक्त प्रवाह, एनएसएआईडी के प्रति तीव्र एलर्जी प्रतिक्रिया शामिल है जो गुर्दे में प्रकट होती है और न्यूनतम परिवर्तन रोग, एक सिंड्रोम जिसके कारण मूत्र में प्रोटीन फैल जाता है. एनएसएआईडी अंतर्निहित उच्च रक्तचाप को भी खराब कर सकता है, जो किडनी को तीव्र और पुरानी चोट का कारण बन सकता है. किडनी में चोट में कई लक्षण सामने आते हैं जैसेे पैर में सूजन, पेशाब में कमी और यूरिन में ब्लड आना. लेकिन कई में ये लक्षण नहीं सामने आते. इनकी पहचान का एक ही तरीका है ब्लड टेस्ट.

ये संकेत दिखें तो हो जाएं अलर्ट

अगर नॉर्मल यूरिन से कम मात्रा में पेशाब होता हो तो यह किडनी फंक्शन के प्रभावित होने के संकेत हैं.

दाहिनी पसली के नीचे, जहां आपका Liver होता है, वहां एक्यूट पेन और कोमलता का अनुभव होगा.

लीवर के सही से काम नहीं करने से खून के थक्के जमने पर असर पड़ेगा.

लीवर ब्लड क्लोटिंग फैक्टर छोड़ता है, जिसकी कमी से रक्तस्राव हो सकता है.

इसके अन्य चेतावनी संकेतों में शरीर में सूजन, चलने पर सांस फूलना शामिल है.

गैस्ट्राइटिस और गैस्ट्रिक अल्सर से जुड़ी समस्याओं के लिए, आपको पेट में दर्द और परेशानी, खांसी का अनुभव होगा.

खांसी होने पर खून भी आ सकता है. ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब है कि आपके अल्सर में छेद हो गया और आपको तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है.

दर्द निवारक दवाएं जितनी अधिक आपे लेंगे उतना ही जोखिम भी बढ़ेगा. दर्द जब बर्दाश्त से बाहर हो तो जरूर जरूर पेनकिलर दवाएं लें लेकिन इसे रेगुलर आदत कभी ना बनाएं. लगातार या गंभीर दर्द का अनुभव होता है, तो आपको मेडिकल एक्सपर्ट से परामर्श लेना चाहिए.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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