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Roti Kapda Aur Makaan: actor dheeraj kumar ने फिल्म की शूटिंग से जुड़े किये हैं कई दिलचस्प खुलासे

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एक्टर धीरज कुमार ने बताया कि फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग कुछ घंटों के लिए टाल दी गयी थी. अमिताभ बच्चन के स्टंट दृश्यों के बारे में भी रोचक जानकारी उन्होंने इस इंटरव्यू में साझा की है .

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roti kapda aur makaan :1974 में 18 अक्टूबर को रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान ने आज अपनी रिलीज को 50 साल पूरे कर लिए हैं. फिल्म से जुड़ा बेरोजगारी का मुद्दा 50 सालों बाद भी बरकरार है, जिससे फिल्म की प्रासंगिकता को भी बरकरार कर दिया है. इस फिल्म से जुड़े अभिनेता धीरज कुमार ने इस फिल्म की मेकिंग की जुड़ी यादों को उर्मिला कोरी के साथ साझा की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश

रोटी कपड़ा और मकान से साहब और मेरा रिश्ता प्रोफेशनल से पर्सनल हो गया

 हिंदी सिनेमा के साथ-साथ रोटी,कपड़ा और मकान का मेरे  करियर में भी बहुत अहम स्थान रखता है.  मेरी प्रोफेशनल जर्नी की शुरुआत बहुत अच्छे ढंग से साहब (मैं मनोज कुमार जी को इसी नाम से बुलाता हूं) के साथ इसी फिल्म से शुरू हुई थी हालांकि इससे पहले मैंने साहब के साथ फिल्म अमानत की थी.उस  वक्त मैं फिल्म इंस्टीट्यूट से नया-नया ही आया था. उस फिल्म में मैं, साहब और साधना जी थी. रोटी कपड़ा मकान के बाद मनोज जी और मेरा रिश्ता प्रोफेशनल के साथ-साथ पर्सनल भी हो गया. उसके बाद तो मैं उनकी लगभग हर फिल्म में होता था और जब मैंने अपना पहला शो दूरदर्शन के लिए निर्देशित किया तो मैंने साहब को उसमें एक्टिंग करने को कहा था और उन्होंने किया भी. मैं बताना चाहूंगा कि निर्देशन का रुझान मेरा इसी फिल्म के सेट पर आया था. जिस दिन मेरी शूटिंग नहीं होती थी. उस दिन भी मैं सेट पर पहुंच जाता था और इस बात को साहब ने भी नोटिस किया। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है.

शशि भाभी सेट पर सभी के लिए घर का खाना लाती थी 

शशि भाभी(मनोज कुमार की पत्नी ) फिल्म के सेट पर आया करती थी और घर से  खाने का डब्बा लेकर आया करती थी. जैसे ही लंच ब्रेक होता तो वह अपना बड़ा सा टिफिन खोलकर सभी को बड़े प्यार से खिलाती थी. बहुत प्यार से बोलती थी कि  धीरज खाओ भाई.अमिताभ तुम भी खाओ. मक्के दी रोटी, सरसों का साग और घर का बना मक्खन होता था. शशि भाभी इतनी केयरिंग होती थी कि कई बार तो अपने हाथों से भी हमको खाना खिला देती थी. प्रोफेशनल क्या होता है हमें नहीं पता ,सब कुछ बहुत ही बहुत आत्मीयता वाला माहौल उस सेट पर होता था. 

फिल्म की  रिलीज के बाद भी मेरा पेमेंट जारी रहा था 

जब मुझे साहब ने फिल्म  रोटी ,कपड़ा और मकान ऑफर की तो उन्होंने  कहा कि तुमको ये करना है.मैंने उनसे कहा कि हां साहब मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात होगी, लेकिन आपसे गुजारिश रहेगी कि आप एक्टर के तौर पर मेरा कॉन्ट्रैक्ट मत कीजिएगा, बल्कि मुझे हर महीने पेमेंट दे दिया कीजिएगा. संघर्ष कर रहा था तो पैसे की बहुत जरूरत होती थी. साहब इस बात को  जानते थे. वह राजी भी हो गए. उन्हें धीमे स्वर में बोलने कि आदत है उन्होंने कहा  कि अच्छा ठीक है.पता लगा की फिल्म खत्म हो गई और मेरा महीना चला जा रहा है. उस वक्त मेरा नियम था कि जिस संडे अगर मैं किसी फिल्म की शूटिंग नहीं कर रहा होता था,तो मैं साहब के घर जरूर जाता था. उस दिन उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा फिल्म बन गई रिलीज भी हो गयी लेकिन तेरा मीटर अभी भी चालू है. तू तो डबल पैसा लेकर चला गया. मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि बड़े भाई से छोटे भाई को ज्यादा ही मिलना चाहिए.वह दौर मेरे संघर्ष का दौर था.इस बात को  साहब जानते थे.मैं बताना चाहूंगा कि इस घटना के बाद भी दो-तीन महीने तक मुझे पैसे मिलते रहे थे.

क्लाइमेक्स वाले सीन की  शूटिंग टाली गयी थी 

क्लाइमेक्स वाले सीन में मैं, अमिताभ बच्चन, शशि कपूर,प्रेमनाथ जी रेलवे ट्रैक पर बंधे हुए हैं. महाराष्ट्र के उल्हासनगर के बहुत आगे बिरला जी का एक गेस्ट हाउस था. वहां पर ट्रेन का ट्रैक जाता था. वह सीन वहां पर शूट हुआ था.शूटिंग जब शुरू हुई तो गर्मी इतनी थी कि हमको रेलवे ट्रैक पर  लेटा नहीं जा रहा था क्योंकि पटरिया लोहे की थी. पूरा वो तप रही थी और आसपास के पत्थर भी एकदम गर्म हो गए थे.हमसे शूटिंग कंटिन्यू नहीं हो रही है. साहब ने सभी से  कहा कि आप लोगों से लेटा भी नहीं जा रहा है. हमने सभी ने थोड़ा मजाकिया अंदाज में  कहा कि आप भी तो एक्टर हैं. आप एक बार यह सीन करके दिखा दीजिए ,जैसे ही वह लेटे उनको समझ में आ गया क्यों हम यह शॉट नहीं दे पा रहे हैं,जिसके बाद शूटिंग को कुछ घंटों के लिए टाल दिया गया. शाम के चार बजे के बाद धूप कम हुई तो क्लाइमेक्स को शूट किया गया.


वीरू देवगन ने अमिताभ बच्चन वाला किया था स्टंट

इस फिल्म के तीन भाइयों में साहब ,अमिताभ बच्चन और मैं थे. उस वक्त अमिताभ बच्चन उतना बड़ा नाम नहीं बनें थे. वह धीरे – धीरे उस तरफ बढ़ रहे थे.यह कह सकते हैं. वैसे फिल्म में उनके जो एक हाथ से  बाइक को चलाने वाले स्टंट हैं.  उसे मशहूर स्टंट मैन वीरू देवगन ने असल में किया था. फिल्म के स्टंट सीन में उसकी उस वक़्त बहुत चर्चा हुई थी. हालांकि क्लाइमेक्स की शूटिंग में अमिताभ बच्चन पूरी तरह से समर्पित थे.उनके डेडिकेशन ने मुझे भी मोटिवेट किया था. मैंने भी तय कर लिया था कि मैं अपना 100 प्रतिशत दूंगा.

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