16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:59 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कंगना रनौत का फिल्म धाकड़ से उठ गया था भरोसा, निर्माता दीपक मुकुट ने किया खुलासा

Advertisement

कंगना रनौत जल्द ही फिल्म धाकड़ में दिखाई देने वाली है. अब फिल्म के निर्माता दीपक मुकुट ने खुलासा किया है कि शुरूआती दौर में कंगना का इस फिल्म से भरोसा उठ गया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कंगना रनौत की धाकड़ इस शुक्रवार टिकट खिड़की पर दस्तक देने वाली है. इस फिल्म के मेकर्स इसे हिंदी सिनेमा की पहली ऐसी फिल्म करार दे रहे हैं. जिसमें हॉलीवुड स्तर का एक्शन सीक्वेंस है और फिल्म का चेहरा एक अभिनेत्री है. इस फिल्म के निर्माता दीपक मुकुट खुश हैं कि उन्होंने इस फिल्म को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश

- Advertisement -

फिल्म धाकड़ से किस तरह से आपका जुड़ना हुआ?

सोहेल मकलाई जो फिल्म के दूसरे प्रोड्यूसर हैं. उन्होंने मुझे कॉल किया था. फिल्म के निर्देशक से मिला. ये उनकी पहली फिल्म है, लेकिन उन्होंने एड वर्ल्ड में काम किया है. उन्होंने मुझे अपना वो सारा काम देखने को कहा. लेकिन मैंने कहा कि मुझे नहीं देखना तुम मेरे लिए क्या करके दिखाओगे. मुझे वो देखना है. हम फिर साथ में इस प्रोजेक्ट से जुड़ गए. फिल्म की कहानी में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ. उसके बाद हमने फिल्म अनाउंस कर दी.

जब आपको यह फिल्म अप्रोच हुई थी तो क्या कंगना रनौत इस फिल्म का हिस्सा थी?

जी हां लेकिन मुझ तक पहुंचने से पहले फिल्म थोड़ा रुक गयी थी. जिस वजह से कंगना का भरोसा फिल्म से चला गया था. बड़ी पिक्चर बनाने के लिए आपको पैसा, प्लानिंग और प्रोडक्शन चाहिए होता है. जब मैं इस फिल्म से जुड़ा तो कंगना ने मुझे कॉल किया कि आप फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं? जब मैंने हां कहा तो उनका भरोसा आया. इस फिल्म के लिए जो भी चीच जरूरी थी. इसे भव्य और खास बनाने में मैंने सब में पैसा लगाया.फिल्म की शूटिंग बैंकॉक से बुडापेस्ट शिफ्ट हुई.

फिल्म की शूटिंग बैंकॉक से बुडापेस्ट शिफ्ट करने का आईडिया किसका था

आईडिया मेरा ही था दरअसल उस वक़्त कोविड का पीरियड था और बुडापेस्ट में क्वारन्टीन का समय 14 दिनों का था मतलब शूटिंग में देरी के साथ साथ बजट का भी बढ़ना. हमने दुनिया भर के लोगों से कॉन्टैक्ट किया, बातें की, तस्वीरें मंगवायी, मालूम हुआ कि बुडापेस्ट एक ऐसा शहर था. जहां पर सिर्फ दो दिन का क्वारन्टीन था.जगह भी बहुत खूबसूरत थी. जो हमारी फिल्म की भव्यता को बढ़ाती थी.बुडापेस्ट में 30 से 35 दिन तक फिल्म शूट की.

बुडापेस्ट के अलावा फिल्म और कहां कहां शूट हुई है?

मुम्बई में चार पांच दिन का शूट था. मध्यप्रदेश में 35 दिनों का शूट था. भोपाल और उसके आसपास शूट किया था.

कंगना के साथ अनुभव कैसा रहा?

कंगना का एटीट्यूड हमारे साथ बहुत अच्छा था.उन्होंने शूटिंग के दौरान कोई नखरा नहीं दिखाया था. उन्होंने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है.तलवारबाजी, गोलीबारी, हैंड फाइट सभी के लिए उनको ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा था. कनाडा से टीम आयी थी.फिल्म जनवरी में शूट पर गयी थी. दिसंबर पूरा उनकी ट्रेनिंग में गयी थी. बुडापेस्ट में भी पंद्रह दिन की उनकी ट्रेनिंग हुई थी. इसके लिए कनाडा के साथ साथ कोरिया की भी स्टंट टीम आयी थी.

बॉक्स आफिस के गणित में वुमन सेंट्रिक फिल्में रिस्की मानी जाती है, आपकी फिल्म वुमन सेंट्रिक वाली एक्शन जॉनर है तो क्या रिस्क ज़्यादा बढ़ गया है. निर्माता के तौर पर यह बातें जेहन में आयी थी?

मुझे लगता है कि फिल्म बनाना अपने आप में एक रिस्क की बात है फिर चाहे वो वुमन सेंट्रिक हो या मेल सेंट्रिक. जब तक फिल्म रिलीज नहीं होती है.लोग उसको पसंद नहीं करते हैं. रिस्क लगी रहती है. सिंपल बात है कि तैरना सीखना है, तो पानी में उतरना ही होगा. डूबने का रिस्क उठाना पड़ेगा. किनारे पर बैठकर आप स्विमिंग नहीं सीख सकते हैं. मेरी काफी समय से इच्छा थी. एक अभिनेत्री के साथ एक्शन फिल्म बनाने की. बहुत साल के बाद यह ख्वाहिश धाकड़ से पूरी हुई है.मैंने उसको भव्य फिल्म बनाने की कोशिश की. खुशी इस बात की और ज्यादा है कि फिल्म के ट्रेलर को शानदार रिस्पॉन्स मिला है.

फिल्म के भूल भुलैया 2 के क्लैश पर आपका क्या कहना है?

मैं बीस सालों से इस इंडस्ट्री में सक्रिय हूं डिस्ट्रीब्यूटर और निर्माता के तौर पर.मुझे कोई ये बड़ा क्लैश नहीं लग रहा है. दोनों ही अलग अलग जॉनर की फिल्म है.दो फिल्मों के लिए दर्शक रहते ही हैं. हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई बार टिकट खिड़की पर दो फिल्में रिलीज हुईं हैं और दोनों ने ही अच्छा बिजनेस किया है.

पिछले कुछ समय से साउथ की फिल्मों ने हिंदी बेल्ट के बॉक्स आफिस पर कमाल का बिजनेस किया है, साउथ की फिल्मों की जो ओवरटेक की बात कही जा रही है उसपर आपकी क्या राय है?

जहां कहीं पर खालीपन होता है, तो दूसरी चीज़ें वहां फिट हो ही जाती हैं. पब्लिक के लिए ऐसा नहीं होता है कि यह साउथ की है या बॉलीवुड की है या हॉलीवुड की. खालीपन है तो हर तरफ का सिनेमा आएगा और उसको टेकओवर करेगा.अगर आप दर्शकों को वो चीज खुद दे देंगे, तो हॉलीवुड हॉलीवुड रहेगा. टॉलीवुड टॉलीवुड और बॉलीवुड बॉलीवुड.बॉलीवुड, टॉलीवुड में क्यों नहीं जा पाया क्योंकि वहां दर्शकों को हर तरह का सिनेमा मिल रहा है. हमारी फिल्मों से हीरोइज्म गायब हो गया है.प्रोजेक्ट बन रहे हैं.सिनेमा नहीं बन रहा है.

निर्माता के तौर पर आपकी आनेवाली फिल्में और कौन सी है

अपने 2, नायक 2,चमेली की शादी के रीमेक पर काम चल रहा है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें