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Exclusive: मुझे लीड एक्ट्रेस का टैग नहीं चाहिए – काम्या पंजाबी

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टीवी एक्ट्रेस काम्या पंजाबी धारावाहिक संजोग में नजर आने वाली है. इस किरदार के बारे में काम्या ने कहा, अपनी मां से मैंने कभी ना हार मानना सीखा है. वो कभी हार नहीं मानती थी. मैं जब छोटी सी थी,तो मैं बीमार भी बहुत रहती थी. एक उल्टी हो जाने से मैं डर जाती थी और कहने लगती कि मुझे अस्पताल ले चलो.

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छोटे परदे के नामचीन एक्ट्रेस में शुमार अभिनेत्री काम्या पंजाबी जल्द ही ज़ी टीवी के धारावाहिक संजोग में गौरी के किरदार में दिखेंगी. मां-बेटी की कहानी पर आधारित इस शो में काम्या एक राजस्थानी महिला की भूमिका होंगी.अपने किरदार के लिए लुक से लेकर भाषा तक पर उन्होंने काफी मेहनत की है. उनके इस शो और करियर पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.

संजोग शो मां और बेटी के रिश्ते पर है,आपने अपनी मां से क्या सीखा है?

अपनी मां से मैंने कभी ना हार मानना सीखा है. वो कभी हार नहीं मानती थी. मैं जब छोटी सी थी,तो मैं बीमार भी बहुत रहती थी. एक उल्टी हो जाने से मैं डर जाती थी और कहने लगती कि मुझे अस्पताल ले चलो. वरना मुझे कुछ हो जाएगा. उस वक़्त मेरे कानों में मेरी मां की एक ही बात आती थी कि हिम्मत नहीं हारनी है. तू बहुत स्ट्रांग है. ये ऐसा बैठ गया मेरे अंदर की,मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी. यह हिम्मत ही थी जो अपनी पहली शादी से मैं बाहर निकली.अपनी बहनों की शादी करवायी. सारी जिम्मेदारी सबकी उठायी.

क्या आप ये सीख अपनी बेटी को भी देना चाहेंगी?

हां, मैं तो बहुत इमोशनल भी हूं. मुझे पता नहीं कि ये अच्छा है या बुरा,लेकिन मेरी बेटी मेरी जितनी इमोशनल नहीं है. वो ज़्यादा प्रैक्टिकल है.

आप क्या सख्त मां हैं?

मेरा सिंपल फंडा है. जहां लाड़-प्यार की ज़रूरत है वहां प्यार ,जहां सख्ती की ज़रूरत है ,वहां एक दो चांटा मारने में कोई बुराई नहीं है. मैंने अपनी बेटी को अकेले बड़ा किया है. उसे लेकर ओवर प्रोटेक्टिव हूं. मैं उसे अकेले कहीं भेजती नहीं हूं.वो 12 साल की हो गयी है. एक बेटी है. मेरी सबकुछ है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि मैं उसे मारती या डांटती नहीं हूं.

शक्ति के बाद एक बार फिर रश्मि शर्मा प्रोडक्शन हाउस के शो में हैं

इससे बहुत कॉन्फिडेंस मिलता है. कहीं ना कहीं वो एक पुश होता है कि आप अच्छा कर रहे हो. पवन जी और रश्मि मैम ऐसे बात कर रहे थे कि ये प्रोफेशनल है. कोई बैगेज नहीं है. शो 10 साल भी चलेगा,तो ये छोड़कर नहीं जाएगी. परफॉर्मेंस में पूरी जान लगा देती है. सुनकर लगा कि यही कमाया है. मुझे वो टैग नहीं चाहिए कि मैं लीड हूं. मुझे अच्छा रोल चाहिए होता है.अच्छा माहौल चाहिए होता है. शक्ति के दौरान मेरा परिवार बन गए थे.

अक्सर एक्टर लंबा शो चलने पर उसे छोड़ देते हैं,आप ऐसा नहीं करती हैं,इसकी क्या वजह है?

मुझे समझ नहीं आता जब एक्टर्स कहते हैं कि बहुत हो गया, तो क्या आपने शो इसलिए लिया था कि ये छह महीने में बन्द हो जाए. इस शो को छोड़कर दुबारा एक दूसरा टीवी शो ही करोगे ना. बस वो लीड का टैग होगा और सबकुछ वही होगा. तुम्हारी वही घिसी -पिटी एक्टिंग ही होगी और फिर तुम उसको छोड़कर जाओगे या फिर टीवी ही छोड़ दो तो ठीक है. वैसे ऐसे लोग भी बहुत है. जो टीवी छोड़कर गए. एक दो साल घर में बैठे फिर टीवी पर ही आए. मैं तो टीवी से बहुत खुश रहती हूं. शक्ति जब छह साल के बाद बन्द हुआ,तो मैं रो रही थी अपने सेट से जाते हुए. इससे अच्छी बात एक एक्टर के लिए क्या ही होगी कि आपका शो दर्शक इतना पसंद कर रहे हैं कि वो चला ही जा रहा है. शक्ति के बाद जब मुझे दूसरे ऑफर्स मिल रहे थे तो मैं उसे टाल रही थी. मुझे लगा कि शक्ति का नया सीजन शायद फिर से आ जाए. शक्ति तो नहीं रश्मि शर्मा का ये शो आ गया है. मैंने एक रियलिटी शो को इस शो की वजह से छोड़ा है.

आपके पति शालाभ डांग एक अलग फील्ड से आते हैं, ऐसे में किस तरह से वो आपको और आपके काम को समझते हैं?

जब वो मुझे मिले थे, तो उन्होंने मेरी लाइफस्टाइल देख ली थी. उन्होंने मेरा हेड स्ट्रांग एटीयूड भी देख लिया था. ये कहीं भी लड़ने को तैयार हो जाती है. ये सब बातों को लोग जो नेगेटिव तौर पर लेते हैं. उन्हें यही बात पसंद आयी थी. इन बातों को कहने के साथ मैं कहना चाहूंगी कि उन्होंने मुझे कम्प्लीट नहीं किया क्योंकि मैंने कभी खुद को अधूरा नहीं माना है,लेकिन हां ज़िन्दगी में एक ऐसा सपोर्ट सिस्टम होना बहुत सारे अच्छे बदलाव ले आता है. जो आपके चेहरे पर ही नज़र आ जाता है. ज़िन्दगी में ठहराव आ गया है. ये विश्वास कभी भी नहीं था कि हालात चाहे जो भी हो एक इंसान है जो हमेशा मुझे सपोर्ट करेगा. अब ये विश्वास है.

इंडस्ट्री में दो दशक के समय के बाद पीछे मुड़कर देखती हैं तो क्या पाती हैं?

बहुत सारी सीख. इंसान अपने हर अनुभव से सीखता है. मैं भी सीखती आ रही हूं. उस वजह से इतनी स्ट्रांग बन गयी हूं. आज मैं जो इतने आत्मविश्वास के साथ खुद को प्रस्तुत करती हूं तो उसके पीछे मेरी इतने सालों की मेहनत भी है. इन बीस सालों में मैं एक्टर्स के साथ-साथ इंसान के तौर पर भी ग्रो हुई हूं. पूरी जर्नी उतार-चढ़ाव से भरी रही है.

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