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OTT प्लेटफॉर्म सिनेमा को दे रहा शानदार अवसर, अब कैमरे के बिना सीधे मोबाइल पर बन रही फिल्में – जावेद अख्तर

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मशहूर गीतकार और फिल्म पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने कहा आजकल फिल्म इंडस्ट्री बड़े ही तेजी से बदल रहा है. पहले कोई भी फिल्म थियेटर में लगती थी. अगर वहां दर्शक नहीं आएंगे, तो फिल्म फ्लॉप कर जाती थी. हालांकि अब ओटीटी प्लेटफॉर्म वरदान बनकर आई है, हम सीधे अपने मोबाइल पर फिल्म देख सकते हैं.

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बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर गीतकार, शायर और फिल्म पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने एक इवेंट में खुलकर संवाद किया. उन्होंने कहा कि आजकल एक बात बहुत बुरी लगती है. बच्चे किताबें पढ़ना पसंद नहीं करते. अब लोग हर चीज तुरंत करने में भरोसा रखते हैं. पहले अगर हमें किसी को कोई मैसेज भेजना होता था, तो हम उसे पत्र लिखते थे. तीन दिन बाद वह पत्र सामने वाले को पहुंचता था. अगर उन्हें कुछ भेजना होता था, तो पहले वे सोचते थे. फिर अपनी बात चिट्ठी में लिखकर उसे पोस्ट कर देते थे. इसे पहुंचने में तीन दिन लगते थे. इस तरह एक बात को कहने में हमें 10 दिन लग जाते थे. अब आज का समय देख लीजिए. हर चीज एक सेकेंड में हो जाता है. पहले लोग फिल्म देखने सिनेमाघर जाते थे. आज सब कुछ फोन पर उपलब्ध है. आजकल के युवा काफी मॉडर्न हो गये हैं.

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OTT प्लेटफॉर्म सिनेमा को दे रहा है शानदार अवसर

जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि उन्हें क्या लगता है, अब सिनेमा कितना बदल चुका है. इस पर उन्होंने कहा कि पहले कोई भी फिल्म एक महीने तक सिनेमाघरों में चलती थी. लोग फिल्म देखने के लिए थियेटर जाते थे. फिर एक दौर आया ,जब फिल्में आती थीं और एक ही थियेटर में तीन शिफ्ट में चलती थीं. अगर तीनों शिफ्ट में फिल्म देखने दर्शक नहीं पहुंचते, तो उसे फ्लॉप कह दिया जाता था. अब ऐसा नहीं है. ओटीटी प्लेटफॉर्म सिनेमा को सुनहरा अवसर दे रहा है, आगे बढ़ने का. ये एक अच्छी जगह है. किसी भी डायरेक्टर और फिल्म की पूरी स्टारकास्ट की मेहनत को दिखाने का. कई ऐसी फिल्में होती हैं, जो सिनेमा घरों में नहीं चलतीं, लेकिन ओटीटी पर सुपरहिट हो जाती है.

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कलाकार मोबाइल पर बना रहे हैं सुपरहिट फिल्में

टेक्नोलॉजी पर बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि आजकल के युवा, कहीं बाहर जाने से बेहतर घर पर ही बैठकर एंटरटेनमेंट करने में यकीन रखते हैं. पहले हमारे पास मनोरंजन के साधन के नाम पर सिर्फ किताबें थीं. फिल्में थीं. अब बहुत से ऑप्शन हैं. अब तो प्रोड्यूसर और डायरेक्टर मोबाइल पर ही फिल्म बना लेते हैं. ये फिल्में सुपरहिट हो जाती हैं. वेब सीरीज में जो डायलॉग होते हैं, वो भी मिनटों में रिसर्च करके लिख सकते हैं. सब कुछ बहुत जल्दी बदल रहा है. भारतीय सिनेमा में भी काफी बदलाव आया है.

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