कैसे राजेश खन्ना के इनकार से मिली फिरोज खान को बड़ी पहचान
49 years of Kaala Sona: फिल्म ‘काला सोना’ हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक यादगार फिल्म है, जिसमें एक दिलचस्प कहानी छुपी है. यह फिल्म पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ बनाई जाने वाली थी, लेकिन उनके मना करने के बाद फिरोज खान को मौका मिला और यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन गई. फिरोज खान ने इस फिल्म में अपनी काउबॉय वाली छवि से दर्शकों का दिल जीत लिया.
काउबॉय की देसी छवि
‘काला सोना’ में फिरोज खान ने काउबॉय लुक अपनाया. यह लुक क्लिंट ईस्टवुड की हॉलीवुड फिल्मों से प्रेरित था. फिल्म में फिरोज का किरदार राकेश का है, जो पॉपी सिंह नाम के विलेन की तलाश करता है. फिल्म में जिस अंदाज में काउबॉय लुक को पेश किया गया है, उसने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी.
विलेन पॉपी सिंह और ‘काला सोना’ की खेती
फिल्म का मुख्य विलेन पॉपी सिंह, कोकीन का तस्कर है और वो ‘काला सोना’ यानी चरस की खेती करता है. फिल्म में राकेश का लक्ष्य है अपने पिता की मौत का बदला लेना और पॉपी सिंह को पकड़ना. कहानी में कई मोड़ आते हैं, जो फिल्म को और भी रोचक बनाते हैं.
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डैनी का सिंगिंग टैलेंट
फिल्म ‘काला सोना’ में डैनी ने आशा भोसले के साथ एक गाना भी गाया है. डैनी की गायकी की खूबी को एस डी बर्मन जैसे संगीतकारों ने भी पहचाना. डैनी का यह टैलेंट फिल्म के दर्शकों के लिए एक खास आकर्षण रहा.
राजेश खन्ना का इनकार और फिरोज खान की किस्मत
फिल्म ‘काला सोना’ का पहला ऑफर राजेश खन्ना को मिला था. लेकिन तारीखों की दिक्कतों के चलते उन्होंने इस फिल्म को टाल दिया. इसके बाद फिल्म के निर्माताओं ने फिरोज खान को साइन किया, और यही फिल्म फिरोज को सुपरस्टार का दर्जा दिलाने वाली साबित हुई.
49 साल का सफर और फिल्म की खासियत
फिल्म ‘काला सोना’ अपनी रिलीज के 49 साल पूरे कर चुकी है. आज भी फिल्म की कहानी, किरदार और इसकी काउबॉय स्टाइल चर्चा में रहती है.
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