The world’s first underground railroad: आज के दौर में इंसान कहीं भी बहुत जल्दी पहुंचना चाहता है. समय के साथ बाइक, चार पहिया वाहन, कार, ट्रेन, हवाई जहाज और कई तरह के वाहनों का आविष्कार हुआ. आज भारत में बुलेट ट्रेन और मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ दुनिया भर में कई ट्रेनें सफर को और भी आसान बना रही हैं. हमारे मन में यह सवाल जरूर आता है कि दुनिया की पहली भूमिगत रेलवे कहां चली होगी, आज हम इस लेख में इसी के बारे में जानेंगे, तो चलिए विस्तार से जानते हैं.
The world’s first underground railroad: पहला भूमिगत रेलमार्ग
दुनिया की पहली भूमिगत रेलवे, लंदन में भूमिगत रेलवे प्रणाली का विचार पहली बार 1830 के दशक में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन एक लंबी देरी के बाद, मेट्रोपॉलिटन रेलवे के रूप में जाना जाने वाला पहला भूमिगत रेलवे 2 अगस्त 1870 को लंदन में टेम्स नदी के नीचे खोदी गई सुरंग में चालू हो गया. पहली भूमिगत रेलवे का डिज़ाइन जेम्स हेनरी ग्रिम्सहेड ने बनाया था और उन्होंने सुरंग-बोरिंग आरी का उपयोग करके टॉवर ऑफ़ लंदन के पास 6-फुट व्यास की सुरंग खोदी थी.
लंदन में भूमिगत रेलवे के निर्माण से पहले, वहाँ सार्वजनिक परिवहन मुख्य रूप से घोड़ागाड़ी और बसों पर निर्भर था. 19वीं शताब्दी के दौरान शहर के तेजी से विकास ने परिवहन के अधिक कुशल तरीके की तत्काल आवश्यकता पैदा कर दी. तब यातायात की समस्याओं को हल करने और शहर को उसके उपनगरों से बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए भूमिगत रेलवे बनाने का विचार आया.
![The World'S First Underground Railroad: दुनिया का पहला भूमिगत रेलमार्ग, जिसे मेट्रोपॉलिटन रेलवे के नाम से जाना जाता है, कब चलाया गया था 1 Gkyu Cwxeaa01Bs](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/GKyU_cWXEAA01bs.jpg)
दुनिया की पहली भूमिगत रेलवे के उद्घाटन के दिन कितने यात्रियों ने यात्रा की
दुनिया की पहली भूमिगत रेलवे के उद्घाटन के दिन 38,000 से ज़्यादा यात्रियों ने यात्रा की, मेट्रोपोलिटन रेलवे के पैडिंगटन और फैरिंगडन स्ट्रीट के बीच ट्रेनें चलीं, जो लगभग 3.75 मील की दूरी थी. यह दिन लंदनवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें गणमान्य व्यक्ति और आम जनता उद्घाटन के दिन मौजूद थे.
The world’s first underground railroad: दुनिया की पहली भूमिगत रेलवे, जिसे मेट्रोपॉलिटन रेलवे के नाम से जाना जाता है, का इतना प्रभाव पड़ा कि लंदन ने दुनिया भर के अन्य शहरों में भूमिगत रेलवे के विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया और यह रेल नेटवर्क बाद में दुनिया भर में लंदन अंडरग्राउंड या “ट्यूब” के नाम से जाना जाने लगा. आज लंदन अंडरग्राउंड दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित मेट्रो प्रणालियों में से एक है, जो हर साल लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करती है, जो हर साल लाखों यात्री ट्यूब से यात्रा करते हैं.