17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Domestic Urban Consumption: शहरी घरेलू मांग हुई मजबूत, सितंबर में बनाया नया रिकार्ड

Advertisement

Domestic Urban Consumption: भारत में घरेलू शहरी खपत के आकड़ों ने नया रिकार्ड बनाया है. त्योहारी सीजन के कारण खपत, तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जानकारों के अनुसार, कीमतों के दबाव में कमी, त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदर्शन में तेजी से बढ़ी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Domestic Urban Consumption: भारत में घरेलू शहरी खपत के आकड़ों ने नया रिकार्ड बनाया है. त्योहारी सीजन के कारण खपत, तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जानकारों के अनुसार, कीमतों के दबाव में कमी, त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदर्शन में तेजी से बढ़ी है. इसके कारण मांग बढ़ी है. आर्थिक सलाहकार फर्म क्वांटईको रिसर्च द्वारा तैयार TRUC सूचकांक के अनुसार कि शहरी उपभोग सूचकांक अगस्त 2023 में 0.62 से बढ़कर सितंबर 2023 में 3 महीने के उच्चतम 0.66 पर पहुंच गया. हालांकि, मई 2023 तक 0.70 के हालिया शिखर से अभी भी नीचे बना हुआ है. इसमें कहा गया है कि शहरी सुधार मजबूत यात्री वाहन बिक्री और हवाई यात्री यातायात के कारण हुआ. इसे खुदरा शहरी मुद्रास्फीति में कमी से सहायता मिली. ग्रामीण खपत में तेज सुधार दर्ज किया गया है. अगस्त 2023 में सूचकांक 0.57 से बढ़कर सितंबर 2023 में 0.65 हो गयी. ट्रैक्टर की बिक्री में मौसमी तेजी के कारण और त्योहारी सीजन से पहले दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आया. सीपीआई ग्रामीण मुद्रास्फीति में सुधार से भी समर्थन मिला. आर्थिक सलाहकार फर्म ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खपत को ट्रैक करने के लिए सूचकांक पेश किया.

- Advertisement -

इन कारणों से मांग में आयी तेजी

फर्म की रिपोर्ट में यात्री कार की बिक्री, हवाई यातायात और अन्य उपभोक्ता रुझान जैसे कई डेटा बिंदुओं की खपत में बढ़ोतरी पर इशारा किया था, जो मुद्रास्फीति बढ़ने और ब्याज दरों के सख्त होने के कारण धीमी हो गई थी. आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीने के निचले स्तर पर आ गई है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में नरमी आई है, जो 5% के निशान से कुछ नीचे फिसल गई है और जिद्दी मूल्य दबावों से बहुत जरूरी राहत मिली है और संभावित ब्याज दर की उम्मीदें जगी हैं. अगले वर्ष में कटौती. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दिवाली देर से होने के कारण त्योहारी सीजन की मांग का जोर अक्टूबर 2023 में भी बरकरार रहने की संभावना है.

Also Read: India GDP: बधाई! पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकला भारत का जीडीपी, जल्द जापान और जर्मनी को देगा टक्कर

मूडीज इन्वेस्टर्स ने वृद्धि पर कही ये बात

इसी महीने के पहले सप्ताह में मूडीज ने भारत के वृद्धि दर को लेकर अनुमान जारी किया था. इसमें मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. मूडीज का मानना है कि देश में मजबूत घरेलू मांग की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार कायम रहेगी. प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण निर्यात कमजोर रहने से मूडीज ने अपने ‘वैश्विक वृहद आर्थिक परिदृश्य-2024-25’ में कहा कि घरेलू मांग में सतत बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है. मूडीज ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2023 में करीब 6.7 प्रतिशत, 2024 में 6.1 प्रतिशत और 2025 में 6.3 प्रतिशत बढ़ेगी. भारत की आर्थिक वृद्धि दर जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है, जो मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी. घरेलू खपत व ठोस पूंजीगत व्यय और सेवा क्षेत्र की गतिविधि में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि मजबूत रही है.

बुलंद रहेगा भारत का सितारा

ग्लोबल इकोनॉमी में भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक ट्रिगर के रुप में देखा जा रहा है. ऐसे में S&P Global Marketing ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट में सकारात्मक रुख को बरकरार रखा है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान छह प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है. अमेरिका स्थित एजेंसी ने कहा कि मजबूत घरेलू गति ने उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से उत्पन्न बाधाएं दूर होती दिख रही है जिसके चलते वृद्धि अनुमान को बढ़ाया गया है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि उसका मानना है कि उच्च आधार प्रभाव तथा धीमी वैश्विक वृद्धि के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में वृद्धि धीमी रहेगी. एसएंडपी ने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2023-24 (मार्च 2024 में समाप्त होने वाले) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को छह प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि मजबूत घरेलू गति उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से होने वाली बाधाओं की भरपाई करती दिख रही है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें