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यूक्रेन युद्ध का मौद्रिक नीति पर असर, RBI ने रेपो रेट में की 0.50% बढ़ोतरी, 10 प्वाइंट में जानिए पूरी बात

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगाह किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम बरकरार है. बढ़ती मुद्रास्फीति, सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है.

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नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर में महंगाई तो बढ़ ही रही है, लेकिन इस गहरा प्रभाव अब सरकार और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों पर भी साफ तौर पर नजर आने लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले 4 मई 2022 को नीतिगत ब्याज दरों (रेपो रेट) में करीब 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करने के बाद आज 8 जून को रेपो रेट में 0.50 फीसदी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. इस बढ़ोतरी के साथ ही रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी तक पहुंच गई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी के पीछे तक दिया है कि यूक्रेन में युद्ध से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ी है.

1. रेपो रेट महामारी के पूर्व स्तर से काफी नीचे : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट पेश करते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध से पूरी दुनिया में मुद्रास्फीति बढ़ी हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन करता रहेगा. उन्होंने कहा कि आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट अब भी कोरोना महामारी के पूर्व के स्तर से काफी नीचे है.

2. महंगाई दर 6 फीसदी बढ़ने की आशंका : इसके साथ ही, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं. महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 फीसदी से अधिक बने रहने की आशंका है. हालांकि, शहरी मांग में सुधर रही है और ग्रामीण मांग में भी धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.

3. टमाटर और कच्चे तेल ने बढ़ाई महंगाई : उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून और सरकार की ओर से उठाए गए उपायों से महंगाई में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है. हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई.

4. आर्थिक वृद्धि दर अनुमान 7.2 फीसदी : रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अपने अनुमान को 7.2 फीसदी पर कायम रखा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक व्यवस्थित रूप से सरकारी के उधारी कार्यक्रम पर ध्यान दे रहा है.

5. ग्रामीण सहकारी बैंकों को रियल एस्टेट लोन : उन्होंने कहा कि आरबीआई ने ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट को कर्ज देने की मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों को घरों तक बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति दी गई है.

6. महंगाई दर अनुमान में बढ़ोतरी : गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पहले मुद्रास्फीति 5.7 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया था.

7. यूपीआई से जोड़ा जाएगा क्रेडिट कार्ड : इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड को यूपीआई मंच से जोड़ने का प्रस्ताव किया है. इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक के गवर्नर ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम की पहुंच बढ़ाने के उपायों की घोषणा की है.

8. पहली तिमाही में 16.2 फीसदी रहेगी वृद्धि दर : रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 16.2 फीसदी रहेगी. यह चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में घटकर चार फीसदी पर आ जाएगी.

9. विश्व बैक ने भी वृद्धि दर अनुमान घटाया : इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल में चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था. इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. विश्वबैंक ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है.

Also Read: लोन लेने वालों पर RBI की दोहरी मार, एक महीने के अंदर रेपो रेट में दूसरी बार की गई 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी

10. यूक्रेन युद्ध से आर्थिक मोर्चे पर जोखिम बरकरार : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगाह किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम बरकरार है. बढ़ती मुद्रास्फीति, सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है.

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