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कंपनियों और सह-कार्यस्थल परिचालकों की तरफ से मांग बढ़ने से छह प्रमुख शहरों में अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में कार्यस्थलों की मांग 92 प्रतिशत तक बढ़ गई. संपत्ति सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
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इस रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में कार्यस्थल का सकल पट्टा 2.02 करोड़ वर्ग फुट रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 1.05 करोड़ वर्ग फुट था. दिसंबर तिमाही में भारी मांग आने से 2023 की समूची अवधि में कुल कार्यस्थल पट्टा 16 प्रतिशत बढ़कर 5.82 करोड़ वर्ग फुट हो गया. पिछले साल यह 5.03 करोड़ वर्ग फुट था.
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सकल पट्टा आंकड़े में पट्टा नवीनीकरण, पुरानी प्रतिबद्धताओं और सिर्फ आशय पत्र वाले सौदों को शामिल नहीं किया गया है. कोलियर्स देश के छह शहरों- बेंगलुरु, चेन्नई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर)-दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में कार्यस्थल की मांग एवं आपूर्ति पर नजर रखती है.
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आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में कार्यस्थल मांग दिसंबर तिमाही में 61 प्रतिशत बढ़कर 31 लाख वर्ग फुट हो गई है, जो पिछले साल समान अवधि में 19 लाख वर्ग फुट थी. बेंगलुरु में किराये पर लिए गए कार्यस्थल का आंकड़ा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 58 प्रतिशत वृद्धि के साथ 55 लाख वर्ग फुट हो गया जो 2022 की समान तिमाही में 35 लाख वर्ग फुट था.
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चेन्नई में दिसंबर तिमाही में कार्यस्थल मांग चार गुना से ज्यादा बढ़कर 43 लाख वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 10 लाख वर्ग फुट थी. हैदराबाद में दिसंबर तिमाही में कार्यस्थल पट्टे पर लेने का सकल आंकड़ा 57 प्रतिशत बढ़कर 27 लाख वर्गफुट हो गया, जो पिछले साल समान तिमाही में 17 लाख वर्ग फुट था.
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मुंबई में दिसंबर तिमाही में कार्यस्थलों की मांग 87 प्रतिशत बढ़कर 26 लाख वर्ग फुट हो गई जो पिछले साल समान तिमाही में 14 लाख वर्ग फुट थी.
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रियल एस्टेट परामर्श कंपनी कुशमैन एंड वेकफील्ड ने एक रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली का खान मार्केट किराये के लिहाज से दुनिया का 22वां सबसे महंगा खुदरा बाजार है. पिछले साल इस सूची में 21वें स्थान पर था. यहां वार्षिक किराया 217 डॉलर प्रति वर्गफुट है. यहां किराये में कोविड-19 महामारी से पहले की तुलना में वर्तमान वृद्धि सात प्रतिशत और सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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