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बोरियों की कमी से खरीफ फसल की खरीद प्रभावित, जूट मिलों के खिलाफ कार्रवाई की सरकार ने की मांग

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Jute Bags, Kharif Crop, West Bengal: पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि बोरियों (जूट बैग) की कमी की वजह से खरीफ फसल की खरीद प्रभावित हो रही है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इसके लिए जूट नियामक से मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. सरकार का कहना है कि जूट मिलों ने जान-बूझकर बोरियों की आपूर्ति के ऑर्डर को रोक रखा है.

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि बोरियों (जूट बैग) की कमी की वजह से खरीफ फसल की खरीद प्रभावित हो रही है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इसके लिए जूट नियामक से मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. सरकार का कहना है कि जूट मिलों ने जान-बूझकर बोरियों की आपूर्ति के ऑर्डर को रोक रखा है.

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जूट बेलर्स एसोसिएशन के एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के अलावा हरियाणा, पंजाब, ओड़िशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्य भी बोरियों की कमी से जूझ रहे हैं. इन राज्यों ने भी जूट आयुक्त से इसका हल निकालने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है. हालांकि नियामक इसके बाद भी मिलों पर नरम बना हुआ है.

एसोसिएशन के अधिकारी ने कहा कि नवंबर के अंत तक जूट की बोरियों की 3.04 लाख गांठों के ऑर्डर अटके हुए हैं. पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक दिसंबर को जूट आयुक्त को पत्र लिखकर जान-बूझकर आपूर्ति अटका रहे मिलों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की. उसने कहा कि किसानों से खरीदी जा रही फसलें बोरियों की कमी के कारण खुले में पड़ी हैं.

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जूट आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हमने मिलों को उनका वादा पूरा करने के लिए कहा है. कीमतें सहमति पर आधारित विधि से तय की गयी हैं. हम इस बारे में गौर करेंगे.’ अधिकारी ने कहा कि यदि यह पाया गया कि मिल ने जान-बूझकर बैग की सप्लाई नहीं की है, तो उसे डिफॉल्टर घोषित करके बैग सप्लाई करने वालों की सूची से बाहर किया जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि अमूमन ऐसा होता नहीं है. इसलिए हम उन्हें और समय दे रहे हैं. उधर, मिलों का कहना है कि कच्चे जूट की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाने के कारण विनिर्माण की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं. हालांकि बेलर्स ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सिर्फ उन्हीं मिलों को कच्चे जूट की आपूर्ति रोकी गयी है, जिनके ऊपर बकाया है.

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Posted By : Mithilesh Jha

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