15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

…तो क्या नए श्रम कानून लागू होने के बाद घट जाएगी आपके हाथ में मिलने वाली सैलरी? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Advertisement

New Labor Code : देश में नया श्रम कानून लागू हो जाने के बाद कंपनियों की कंपनसेशन कॉस्ट के रूप में अधिक खर्च करना पड़ेगा. देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का सामना कर रही कंपनियों को नया श्रम कानून लागू होने के बाद काफी कुछ बदलाव करना पड़ सकता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

New Labor Code : एक अप्रैल से देश में नया श्रम कानून लागू होने की संभावना जाहिर की जा रही है. इस बीच, कहा यह भी जा रहा है कि नया श्रम कानून लागू होने के बाद आपकी कंपनी आपके हाथ में मिलने वाले वेतन में रिस्ट्रक्चरिंग कर सकती है. इसके साथ ही, चर्चा इस बात पर भी है कि आपका नियोक्ता आपके सालाना सैलरी पैकेज से ग्रेच्युटी के पैसे में थोड़ी बढ़ोतरी करके आपके हाथ में मिलने वाले वेतन में कटौती भी कर सकता है.

- Advertisement -

मीडिया में विशेषज्ञों के हवाले से इस बात पर चर्चा की जा रही है कि देश में नया श्रम कानून लागू हो जाने के बाद कंपनियों की कंपनसेशन कॉस्ट के रूप में अधिक खर्च करना पड़ेगा. देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का सामना कर रही कंपनियों को नया श्रम कानून लागू होने के बाद काफी कुछ बदलाव करना पड़ सकता है.

कहा यह भी जा रहा है कि कोरोना संकट के बाद कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन को पुनर्गठित करने को लेकर तेजी से काम कर रही है. इनमें ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट जैसी चीजें शामिल है.

इसके साथ ही, विशेषज्ञों की राय है कि नए वित्त वर्ष में कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट संबंधित जिम्मेदारियों के अलावा प्रोविडेंट फंड में अतिरिक्त योगदान जैसी चीजों की समीक्षा की जा सकती है. वर्ष 2021 के बजट में किए गए प्रस्ताव के हिसाब से कंपनियां अब अपने कामकाज में बदलाव लाने की तैयारी में जुट गई हैं.

अगर कोई संस्थान वेतन की विस्तारित परिभाषा अपनाता है, तो उसे प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ाना पड़ सकता है. पहले पीएफ में योगदान बेसिक पे पर निर्भर करता था. इसमें बेसिक पे के साथ डीए और स्पेशल अलाउंस शामिल थे.

Also Read: मोदी सरकार की नया श्रम कानून लाने की योजना, 44 पुराने कानूनों को 4 श्रेणियों में मिलाया जाएगा

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें