21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:16 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मूडीज ने कहा, रुपये की कमजोरी का बड़ा जोखिम, कड़े कदम उठा सकता आरबीआई

Advertisement

आयातित वस्तुओं की उच्च लागत का सामना करने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से जारी मौद्रिक नीति को मजबूत करने से मुद्रा का मूल्यह्रास शुरू हो गया. किसी भी सख्त मौद्रिक नीति के बीच बेहतर और स्थिर रिटर्न के लिए निवेशक अमेरिका जैसे स्थिर बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मुद्राओं की कमजोरी का जोखिम चिंताजनक है और इससे भी अधिक जोखिम रुपये की कमजोरी के साथ नई जंग के साथ भारत में अधिक है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकता है. मूडीज एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रुपये की कमजोरी भारत के एशिया की सबसे अच्छी प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने की रफ्तार पहले की अपेक्षा धीमी हो सकती है. भारतीय रुपये में करीब एक साल से उतार-चढ़ाव जारी है और प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से कई नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है. अक्टूबर, 2022 में रुपये ने अपने इतिहास में पहली बार 83 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार किया था. इस समय रुपया 82 रुपये प्रति डॉलर के ऊपर चल रहा है.

- Advertisement -

क्या है कारण

रिपोर्ट के अनुसार, आयातित वस्तुओं की उच्च लागत का सामना करने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से जारी मौद्रिक नीति को मजबूत करने से मुद्रा का मूल्यह्रास शुरू हो गया. किसी भी सख्त मौद्रिक नीति के बीच बेहतर और स्थिर रिटर्न के लिए निवेशक अमेरिका जैसे स्थिर बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं. आमतौर पर भारतीय रिजर्व बैंक गाहे-ब-गाहे बाजार में नकदी प्रबंधन के माध्यम से हस्तक्षेप करता है, जिसमें रुपये में भारी गिरावट को रोकने के मद्देनजर डॉलर की बिक्री भी शामिल है.

एशिया में मुद्रा कमजोरी चिंताजनक

मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते एशिया में मुद्रा की कमजोरी का जोखिम विशेष रूप से ईएम (उभरते बाजार) की वसूली के पालने के रूप में इसकी स्थिति को देखते हुए चिंताजनक है. हमारा दृष्टिकोण उभरते एशिया में अर्थव्यवस्थाओं के लिए आमंत्रित करता है, ताकि चीन के रिबाउंड लाभ की गति के रूप में शेष उभरते बाजार को आसानी से बेहतर प्रदर्शन किया जा सके. दबी हुई मांग के रूप में अब भी भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में डेल्टा लहर से रुका हुआ है और उपभोक्ता खर्च को सहारा दे रहा है, लेकिन आगे मुद्रा की कमजोरी क्षेत्र के केंद्रीय बैंकों को बाध्य कर सकती है.

भारत में खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें चिंता का विषय

भारत की मुद्रास्फीति के बारे में मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई फिलहाल नहीं बढ़ रही है, लेकिन खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें चिंता का विषय है. हालांकि, फरवरी में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में फेडरल रिजर्व की सख्ती का असर दिखाई देता है, लेकिन जब अप्रैल में बैठक होनी है, तो बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण रुपया और कमजोर हो जाता है.

Also Read: फूड प्राइस से पब्लिक को मिली राहत, पर फिर बढ़ सकती है RBI रेपो रेट

महंगाई रोकने के लिए रेपो रेट में इजाफा

बता दें कि फरवरी 2023 में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में करीब 0.25 फीसदी बढ़ोतरी की थी. इसी के साथ रेपो रेट बढ़कर 6.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने पिछले साल की मई महीने से रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का सिलसिला शुरू किया था. पिछले की मई से लेकर फरवरी तक आरबीआई ने रेपो रेट में करीब 250 आधार अंक अथवा 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें