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GST Council Meeting: सात अक्टूबर होगी जीएसटी परिषद की बैठक, कई संशोधनों की व्यापार जगत को उम्मीद

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GST Council Meeting: जीएसटी परिषद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक सात अक्टूबर, 2023 को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में होगी. इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद की पिछली बैठक दो अगस्त को हुई थी.

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GST Council Meeting: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगली बैठक सात अक्टूबर को होगी. जीएसटी परिषद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक सात अक्टूबर, 2023 को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में होगी. इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद की पिछली बैठक दो अगस्त को हुई थी. इस बैठक में कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान में स्पष्टता के लिए जीएसटी कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई थी. परिषद में राज्यों के मंत्री भी शामिल थे. पिछली बैठक में कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर दांव के कुल अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था. जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक में व्यापार जगत को त्योहार बाजार को प्रोत्साहन देने वाले संशोधनों की उम्मीद है. हालांकि, परिषद् की तरफ ये साफ नहीं है कि किन मामलों पर विचार किया जा सकता है.

ऑनलाइन गेमिंग पर एक अक्टूबर से लगेगा 28 प्रतिशत जीएसटी

जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में दिल्ली, गोवा एवं सिक्किम की असहमति के बावजूद ऑनलाइन गेमिंग एवं कसीनो में दांव पर लगाई जाने वाली शुरुआती राशि पर एक अक्टूबर से 28 प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया था. इस करारोपण के लिए केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में ही केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आयी थी. उसके बाद राज्यों की विधानसभाओं में भी इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देकर एक अक्टूबर से इसे लागू करने की राह तैयार की जा रही है. हालांकि जीएसटी परिषद की बैठक में तय किया गया कि ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी लगाने की छह महीने बाद अप्रैल, 2024 में समीक्षा की जाएगी. इसमें यह देखा जाएगा कि नियमों में किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर करारोपण से संबंधित तौर-तरीके तय किए गए. जीएसटी परिषद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों पर निर्णय करने वाली शीर्ष संस्था है.

वित्त मंंत्री ने समझाया ऑनलाइन गेम पर टैक्स का गणित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि कि हम चालू संसद सत्र में ही सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आएंगे. एक अक्टूबर से इसे लागू कर दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि कर का निर्धारण खिलाड़ी की तरफ से जमा या भुगतान की गई राशि पर आधारित होगा और उससे पिछले गेम से जीती गई राशि को दोबारा दांव पर लगाने को बाहर रखा जाएगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लिया जाए कोई 1,000 रुपये का दांव लगाता है और वह 300 रुपये जीतता है. फिर वही व्यक्ति 1,300 का दांव लगाता है, तब जीएसटी जीती गयी राशि पर नहीं लगेगा. सीतारमण ने कहा कि दिल्ली, गोवा और सिक्कम ने ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 प्रतिशत कर लगाने के फैसले की समीक्षा की मांग की. हालांकि अन्य राज्यों का समर्थन मिलने के बाद इस फैसले को लागू करने का निर्णय लिया गया.

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जुलाई में टैक्स लगाने का हुआ था निर्णय

जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया था. सीतारमण ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री ने ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने का विरोध किया जबकि गोवा एवं सिक्कम चाहते थे कि कर गेम के सकल राजस्व (जीजीआर) पर लगाया जाए न कि दांव पर लगी पूरी राशि पर लगे. हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्य चाहते थे कि पिछली बैठक में लिए गए निर्णय को लागू किया जाए. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी गेमिंग कंपनियों को भी भारत में अपना जीएसटी पंजीकरण कराना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का इस्तेमाल कर उनकी वेबसाइट प्रतिबंधित कर देगी. मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी कानून में संशोधन कर ऑनलाइन गेमिंग को परिभाषित किया जाएगा.

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जीएसटी क्या है

जीएसटी (Goods and Services Tax) भारत में लागू होने वाला एक महत्वपूर्ण कर नीति है. यह एक वस्तु और सेवा कर का सम्मिलित कर है, जिसे भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 को लागू किया. जीएसटी भारत भर में समान रूप से लागू होता है, जिससे राज्यों के बीच वस्तु और सेवाओं की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं होती. इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु और सेवाओं पर लग रहे विभिन्न पूर्व-वस्तु और सेवा करों को समाप्त करके एक सामान और सरल वस्तु और सेवा कर व्यवस्था स्थापित करना है. जीएसटी के तहत, वस्तु और सेवाओं पर लागू होने वाले करों की दरें वस्तुसूची में निर्धारित होती हैं. ये कर प्रणाली तीन टीयर में बंटा हुआ है-राज्य, केंद्र और उपभोक्ता. इसके कारण वित्तीय सृजन राज्य और केंद्र के बीच साझा किया जाता है. इसके तहत, वस्तु और सेवाओं की लेन-देन की ई-वे विधि का अनुसरण किया जाता है जो वित्तीय सृजन को सरकार से साझा करने के लिए उपयोग किया जाता है. जीएसटी का उद्देश्य एक सरल, संपादनशील और आरामदायक कर नीति प्रणाली स्थापित करना है जिससे वस्तु और सेवाओं पर लग रहे करों की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं हो.

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कैसे करें रजिस्ट्रेशन

जीएसटी नंबर लेने के लिए सबसे पहले जीएसटी के अधिकारिक पोर्टल (https://www.gst.gov.in/) पर जाएं. वहां सर्विस पर क्लिक करें. इसके बाद आप न्यू रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर सिलेक्ट करें. जीएसटी आरईजी-01 फॉर्म के भाग-ए को भरें और मांगी गयी सारी जानकारी दें. अब आपको गेट ओटीपी पर क्लिक करें. रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी को डालकर ओके दबाएं. इसके बाद फॉर्म का पार्ट टू भरें. फिर से ओटीपी आएगा. इसे फॉर्म को वेरिफाई करें. इस प्रोसेस से आप जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

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क्यों जीएसटी नंबर लेना जरूरी है

जीएसटी नंबर भारत में वस्तु और सेवाओं पर लगान का निर्धारण करने के लिए दर्ज किया जाता है. यह नंबर व्यापारिक गतिविधियों को सरकारी तंत्रों द्वारा समय-समय पर परिगणित करने के लिए आवश्यक होता है.

जीएसटी नंबर लेना क्यों आवश्यक है

  • कर वसूली और वस्तुसूची में सुधार: जीएसटी नंबर के माध्यम से सरकार व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित करने और कर वसूली को सुधारने का प्रयास कर रही है.

  • कर प्रबंधन में सहायता: जीएसटी नंबर एक व्यापारिक या व्यक्तिगत संरचना के कर वसूली प्रक्रिया को सरकार तक पहुंचाने के लिए उपयोग होता है.

  • कानूनी अनुपालन: जीएसटी नंबर का अधिकारित निवासी के रूप में व्यक्तिगत या व्यापारिक गतिविधियों को सरकार तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है.

  • वस्तु और सेवाओं के बीच समान वस्तुसूची: जीएसटी नंबर से सरकार वस्तु और सेवाओं की सही वस्तुसूची में सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है.

  • कर सज्ज विफलता से बचाने के लिए: जीएसटी नंबर व्यापारिक गतिविधियों को कर वसूली में सफलता और विफलता के लिए एक उपयोगी साधना प्रदान करता है.

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