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EMI moratorium : अगले 3 महीने नहीं देते EMI, तो जानिए कितना अधिक बाद में वसूलेंगे बैंक…?

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देश में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद रिजर्व बैंक की ओर से बैंक लोन ईएमआई (किस्त) भुगतान में तीन महीने की छूट दी गयी है. यानी कि आप तीन महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं भी कर सकते हैं, लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि इन तीन महीनों तक आपके द्वारा ईएमआई का भुगतान नहीं करने के बाद आपका बैंक बाद में आपसे कितना अधिक वसूली करेगा?

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नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद रिजर्व बैंक की ओर से बैंक लोन ईएमआई (किस्त) भुगतान में तीन महीने की छूट दी गयी है. यानी कि आप तीन महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं भी कर सकते हैं, लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि इन तीन महीनों तक आपके द्वारा ईएमआई का भुगतान नहीं करने के बाद आपका बैंक बाद में आपसे कितना अधिक वसूली करेगा? यदि नहीं, तो आइए जानते हैं ईएमआई स्थगन का फंडा और आपको किस्त रोकने से कितना होगा नुकसान और कितना होगा फायदा…?

तीन महीने तक EMI का भुगतान करना चाहिए या नहीं? : देश में लॉकडाउन के दौरान रिजर्व बैंक की ओर से ईएमआई स्थगन को लेकर दी गयी सुविधा के बीच यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि क्या आपको तीन महीने तक अपने लोन के किस्त का भुगतान नहीं करना चाहिए? यदि आप गौर से सोचेंगे, तो आपके दिमाग में एक ही जवाब आएगा और वह है ‘नहीं’. आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि तमाम कष्टों और दिक्कतों के बावजूद आपको अपने लोन के किस्त का भुगतान जरूर कर देना चाहिए. वजह यह है कि अगर आप किस्त का भुगतान नहीं करते हैं, तो अव्वल यह कि आपके मासिक किस्त की अवधि बाद के लिए तीन महीनों के लिए बढ़ जाएगी.

अगर आप गौर करेंगे, तो रिजर्व बैंक की ओर से एक मार्च से एक मई के दौरान तीन महीनों के ईएमआई के भुगतान में छूट दी गयी है. इसका सीधा सा अर्थ है कि यह कोई छूट नहीं है, बल्कि केंद्रीय बैंक ने मूलधन में मोहलत दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि मूलधन में मोहलत मिलने के बावजूद उसमें ब्याज जुड़ता ही रहेगा. किस्त में मोहलत केवल बैंक ही दे सकते हैं. इसका मतलब यह कि अगर आपने किस्त के भुगतान को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया, तो अंतत: आर्थिक बोझ आपका ही बढ़ेगा.

जानिए, क्या है लोन के किस्त का फंडा : मान लें कि आपका लोन करीब 50 लाख रुपये का है और उसकी अवधि 10 साल की है. इस पर ब्याज दर करीब 8.50 फीसदी है, अब अगर एक अप्रैल से इस लोन के किस्त का भुगतान नहीं किया गया, तो इस कर्ज पर ब्याज करीब 35,000 रुपये का होगा. अप्रैल के अंत तक आपके कर्ज की रकम करीब 50,35,000 रुपये हो जाएगी. अब आपने मई में भी किस्त का भुगतान नहीं किया, तो कर्ज पर ब्याज 36,000 हजार रुपये होगा, जबकि कर्ज की रकम बढ़कर 50,71,000 रुपये हो जाएगी. अब आखिर में जून के अंत तक आपके कर्ज की रकम बढ़कर 51,07,000 रुपये हो जाएगी. इस मतलब यह हुआ कि 3 महीने तक ईएमआई यानी बैंक के कर्ज पर किस्त का भुगतान नहीं करने पर आपको 1,07,000 रुपये का अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा.

किस्त के भुगतान नहीं करने के बाद क्या है दूसरा विकल्प : यदि आपने तीन महीने तक अपने कर्ज के किस्त का भुगतान नहीं किया, तो आपके कर्ज की अवधि तीन महीने तक बढ़ जाएगी. इसलिए आपको अपने किस्त को आगे तीन महीने तक के लिए बढ़ाना पड़ेगा. इसके अलावा, अगर आपने तीन महीने की अवधि को आगे के लिए नहीं बढ़ाया, तो आपको एकमुश्त 1,07,000 रुपये के ब्याज का एकमुश्त भुगतान करना होगा. यदि आप इन उपायों को अपनाएंगे, तब आपके कर्ज की रकम में इजाफा नहीं होगा, अन्यथा आपको 50 लाख रुपये के कर्ज पर 1,07,000 रुपये के अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा.

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