11.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 07:16 am
11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Loan Moratorium बढ़ाने को लेकर केंद्र ने SC से कहा, हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को उभार नहीं सकते

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में ऋण अधिस्थगन पर बुधवार की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आरबीआई द्वारा पहला जोर ऋण चुकाने के दबाव को कम करना था. मेहता ने कहा कि समग्र रूप से सेक्टरों का पुनरुद्धार हुआ, ताकि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाया जा सके. तीसरा तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण था. उन्होंने कहा कि हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को ठीक करने पर ध्यान नहीं दे सकते हैं, ताकि वे आर्थिक रूप से अस्थिर न हों. यह वास्तव में एक कठिन रास्ता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : ऋण अधिस्थगन को आगे बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को उभार नहीं सकते. शीर्ष अदालत में ऋण अधिस्थगन पर हो रही सुनवाई के दौरान विभिन्न हितधारकों और प्रभावित पक्षों ने कोविड-19 की वजह से किस्त भुगतान से छूट की अवधि के दौरान सावधि ऋणों पर ब्याज माफी की दलील में अपने-अपने पक्ष रखे.

- Advertisement -

बुधवार की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आरबीआई द्वारा पहला जोर ऋण चुकाने के दबाव को कम करना था. मेहता ने कहा कि समग्र रूप से सेक्टरों का पुनरुद्धार हुआ, ताकि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाया जा सके. तीसरा तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण था. उन्होंने कहा कि हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को ठीक करने पर ध्यान नहीं दे सकते हैं, ताकि वे आर्थिक रूप से अस्थिर न हों. यह वास्तव में एक कठिन रास्ता है.

पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र को एक सप्ताह के भीतर ब्याज भुगतान के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता कहा कि ‘ब्याज पर ब्याज’ वसूलना महामारी की मौजूदा स्थिति के कारण पहली नजर में शून्य है.

उन्होंने कहा, ‘हमें लगा कि हम सुरक्षित हैं, जब उन्होंने हमारी ईएमआई माफ कर दी, लेकिन उन्होंने हमें चक्रवृद्धि ब्याज के साथ चार्ज किया, जो हमारे ऊपर एक तरह की दोहरी मार है.’ दत्ता ने कहा कि जब लॉकडाउन लगाया गया था, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 13 नागरिकों को राहत देने के लिए संबंधित प्राधिकरण को शक्ति प्रदान की गयी. इसके बाद उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन की सरकारों के उदाहरण पेश किए कि कैसे वो नागरिकों की मदद कर रही हैं, लेकिन भारत में लोगों को दंडित किया जा रहा है.

रियल एस्टेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से क्रेडाई के वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कहा कि बैंकों के पास वित्तीय अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा ककि सभी चीजें बिना किसी दिशानिर्देश के अलग-अलग बैंकों के पास रह गयी हैं. पूरा उद्देश्य हम सभी के जीवित रहने का है. यही सब मैं आपके सामने अपील कर सकता हूं.

वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन (पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन) ने कहा कि अधिस्थगन की अवधि के लिए ब्याज लागू और यह उसी अनुपात में होना चाहिए, जो बैंकों को जमाकर्ताओं को देना है और आनुपातिकता के सिद्धांत के आधार पर शुल्क देना है. बिजली सबसे तनावग्रस्त क्षेत्र है और यह एक असाधारण स्थिति में है.

उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई ने आनुपातिकता पर कोई ध्यान नहीं दिया और केवल ‘आई-वॉश’ करने में व्यस्त रहा. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने कर्जदारों और शीर्ष अदालत को चकमा देने का प्रयास किया है. शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने महामारी के दौरान दुकान के सामने आने वाली कठिनाइयों से पीठ को अवगत कराया.

उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से बंद थे. हम खरीदारी केंद्र हैं. हमें अपने कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए कहा गया था, हम उन्हें भुगतान करते रहे. शॉपिंग सेंटरों में लोगों का आना शून्य है. इसके बाद, उन्होंने धारा 13, 16 और 18 सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों पर दलील दी. उचित है कि कैसे एक ‘आपदा’ के प्रभाव को कम करने के लिए कानून कार्रवाई के लिए कदम प्रदान किया गया. उन्होंने कहा कि महामारी का दौर जारी है.

वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वह अपने स्वयं के पूरक तर्क देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता की दलीलों को अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्र सरकार को इस मुद्दे से निपटने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसी ने भी (केंद्र सरकार और एनडीएमए) आपदा प्रबंधन अधिनियम के ढांचे के भीतर काम नहीं किया. यह एक रूपरेखा तैयार करने के लिए भारत सरकार का अधिकार क्षेत्र है. अधिकार प्राधिकरण केंद्रीय सरकार है, यह एक नीतिगत मुद्दा है.

इस पर अदालत ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि सरकार के पास आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमए) के तहत यह अधिकार है. सरकार के पास अधिकार है. असली सवाल यह है कि सरकार ने एनडीएमए के तहत इस अधिकार का उपयोग किया है या नहीं. ज्वैलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि वह उचित समय के लिए मोहलत के विस्तार की मांग करते हैं और इसके प्रभावों का इस्तेमाल कर्जदारों द्वारा राहत के रूप में किया जा सकता है. मैं अपने ऋणों को चुकाने के लिए बाध्य हूं. जो समय दिया गया है, वह एक भारी आपदा के आधार पर है.

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से मोहलत बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि धारा 13 के तहत दायित्वों का निर्वहन किया जाना चाहिए और एनडीएमए को एक व्यापक योजना के साथ आना चाहिए. फिलहाल, मैं केवल 3 महीने के लिए मोहलत के विस्तार और ब्याज पर छूट देने का आग्रह कर रहा हूं.

Also Read: ‘EMI Moratorium के बदले ब्याज पर ब्याज वसूलकर कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते बैंक’

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें