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Byjus Layoffs: बिना नोटिस, बिना सैलरी… बायजू ने फोन कॉल पर निकाले 500 कर्मचारी

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Byjus Layoffs: आर्थिक तंगी से जूझ रही कंपनी बायजू ने अपने कर्मचारियों को केवल फोन कॉल करके कंपनी से निकाल दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के द्वारा ये कड़ा फैसला बायजू के फिर से पटरी पर लाने के लिए लिया गया है. हालांकि, इसकी शुरुआत 15-20 दिन पहले हुई थी. आशंका जतायी जा रही है कि कंपनी 15 सौ से ज्यादा कर्मचारियों को और निकाल सकती है.

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Byjus Layoffs: वित्तीय परेशानी से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू पहले कर्मचारियों को देर सवेर सैलरी दे रही थी. हालांकि, अब बताया जा रहा है कि कंपनी ने केवल एक फोन कॉल करके करीब 500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के द्वारा ये कड़ा फैसला बायजू के फिर से पटरी पर लाने के लिए लिया गया है. हालांकि, इसकी शुरुआत 15-20 दिन पहले हुई थी. नौकरी में कटौती का नवीनतम दौर बिक्री कार्यों, शिक्षकों और कुछ ट्यूशन केंद्रों को प्रभावित करेगा. बायजू को बेहद खराब स्थिति में ही आगे चीजों को सुसंगत करने की जरूरत पड़ सकती है. ऐसी सूचना है कि कुछ प्रभावित कर्मचारियों को फोन पर छंटनी की सूचना दे दी गई है. लेकिन छंटनी के संबंध में बायजू ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

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1500 और कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी

बायजू के प्रवक्ता ने एक ईमेल प्रतिक्रिया में कहा कि हम परिचालन ढांचे को सरल बनाने, लागत आधार को कम करने और बेहतर नकदी प्रवाह प्रबंधन के लिए अक्टूबर, 2023 में घोषित कारोबार पुनर्गठन अभ्यास के अंतिम चरण में हैं. कुछ निवेशकों के साथ कानूनी विवादों में उलझी बायजू के प्रवक्ता ने कहा कि उसे उस ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति’ पर खेद है जिसमें कंपनी को मजबूर होना पड़ा है. बायजू ने पहले संकेत दिया था कि कारोबार सुधार की कवायद लगभग 4,500 लोगों को प्रभावित करेगी. पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में करीब 2,500-3,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया था. अबतक लगभग 3,000-3,500 लोगों के छंटनी से प्रभावित होने के बाद भी 1,000-1,500 लोगों की और छंटनी की आशंका बनी हुई है. बायजू ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को मार्च का वेतन देने में देरी होने की सूचना दी थी. कंपनी कर्मचारियों को आठ अप्रैल तक वेतन देने की कोशिशों में लगी है.

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क्यों फेल हो गयी कंपनी

शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच के रुप में बायजू काफी तेजी से उभरा. इसके माध्यम से छात्रों को सस्ते में अच्छी ऑनलाइन शिक्षा मिल रही थी. कोविड काल में कंपनी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. साथ ही, बच्चों की काफी मदद हुई. मगर कई कारणों से कंपनी की स्थिति खराब हो गयी.

  • बाजार संतृप्ति और प्रतिस्पर्धा: भारत में एड-टेक बाजार संतृप्त हो गया, जिसमें कई खिलाड़ी हिस्सा लेने के लिए प्रतिस्पर्धा करने लगे. स्थापित प्रतिस्पर्धियों और उभरते स्टार्टअप्स ने प्रतिस्पर्धा तेज कर दी, जिससे बायजू के लिए बाजार में अपना प्रभुत्व बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया.
  • स्केलिंग और परिचालन बाधाएं: तेजी से विस्तार ने परिचालन संबंधी चुनौतियां पैदा कीं, जिससे ग्राहक सेवा और सामग्री वितरण की गुणवत्ता प्रभावित हुई. विकास को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में असमर्थता के कारण ग्राहक प्रतिधारण संबंधी समस्याएं पैदा हुईं.
  • धन उगाही पर अत्यधिक निर्भरता: बायजू ने निरंतर धन उगाहने पर बहुत अधिक भरोसा किया, जिससे वास्तविक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अत्यधिक दबाव पैदा हुआ. ठोस राजस्व धाराओं के बिना स्केलिंग पर ध्यान केंद्रित करने से एक अस्थिर व्यवसाय मॉडल तैयार हुआ.
  • छंटनी का निर्णय और उसका प्रभाव: जैसे ही बायजू को बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ा, कंपनी ने छंटनी को लागू करने का कठिन निर्णय लिया, जिससे उसके कार्यबल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रभावित हुआ. इस कदम ने न केवल कंपनी के संघर्षों की गंभीरता को उजागर किया बल्कि कर्मचारियों के मनोबल और सार्वजनिक धारणा पर भी असर पड़ा. छंटनी के फैसले ने बायजू के आंतरिक मुद्दों को सामने ला दिया, जिससे कंपनी की तूफान का सामना करने की क्षमता और प्रतिभा प्रबंधन के दृष्टिकोण पर सवाल उठाया गया.
  • राजस्व और निवेशकों के विश्वास में गिरावट: बायजू को शुरू में एक यूनिकॉर्न के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था. लेकिन बाजार संतृप्ति और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण इसकी राजस्व वृद्धि स्थिर होने लगी. राजस्व धाराओं में विविधता लाने में विफलता और कुछ प्रमुख उत्पादों पर अत्यधिक निर्भरता ने टिकाऊ विकास की इसकी क्षमता को सीमित कर दिया.

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