Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Niramala Sitharaman) ने अंतरिम बजट में टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार ने टैक्स स्लैब को पहले की तरह ही रखा है. हालांकि, वित्त मंत्री ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए, वित्तीय वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए पच्चीस हजार रुपये (25,000 रुपये) तक और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की अवधि के लिए दस हजार रुपये (10,000 रुपये) तक के बकाया प्रत्यक्ष कर डिमांड को वापस ले लिया है. इससे करीब एक करोड़ करदाताओं को फायदा होने की उम्मीद है. साथ ही, वित्त मंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं टैक्स में कोई बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं रखती हूं. सरकार आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरें बरकरार रखेगी.
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सीए अनिल मुकीम ने अंतरिम बजट पर अपनी राय रखते हुए कहा कि बजट प्रस्ताव देश का चतुर्मुखी वार्षिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ की राह में वित्तमंत्री द्वारा आजतक के अधिकतम पूंजी निवेश कि राशि का प्रस्ताव रखकर यह बताने का प्रयास किया की राजस्व व्यय को कम कर एवं कर (आय) के दायरे को बढ़ाकर पूंजी निवेश द्वारा देश के जीडीपी को नई राह दिखाना है चुकी चुनाव में इंटरिम बजट होने के कारण वित्तमंत्री को किसी भी प्रकार के कर प्रणाली में संशोधन या लुभावन का प्रस्ताव रखने में बाध्यता हैं. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर के सभी दरो एवं कानून को सामान रखते हुए केवल स्टार्टअप करदाताओं को देने वाली छूट की अंतिम तिथि 31.3.2024 को बढ़ाकर 31.3.2025 किया गया, देश के छोटे करदाताओ से बकाया कर जो वित्त वर्ष 1962 से वित्त वर्ष 2014 तक लम्बित है. उसे माफ कर देने का प्रस्ताव है इससे छोटे व्यापारी को आगे प्राप्त होने वाली आयकर की वापसी में लाभ प्राप्त होगा. आज के इस प्रस्ताव से विदित होता है की जुलाई में आने वाले संपूर्ण बजट से देश के हर क्षेत्र के व्यक्तियों को लाभ मिलेगा. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, एवं जय अनुसंधान की सोच भारत को विश्व में प्रथम स्थान दिलाने में लाभकारी होगा.
निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये capital expenditure 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है. वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है. कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है. एक घंटे से भी कम समय के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की उन उपलब्धियों को रखा जिससे देश ‘नाजुक अर्थव्यवस्था’ की श्रेणी से बाहर निकल गर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये रखा गया. वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 5.9 प्रतिशत से घटाकर 5.8 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान रखा गया है. राजकोषीय घाटा अगले वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की हर चुनौती को आर्थिक प्रबंधन और बेहतर राजकाज के माध्यम से दूर किया गया जा चुका है.
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