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OTT को लेकर सरकार सख्त, नए ब्रॉडकास्टिंग बिल का ड्राफ्ट तैयार, यहां भी अब फिल्में होंगी सेंसर

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केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ओटीटी, सैटेलाइट केबल टीवी, डीटीएच, आईपीटीवी, डिजिटल न्यूज और करेंट अफेयर्स के लिए अब अलग-अलग सेंसरशिप नियम बनाये गए हैं.

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अमेजन प्राइम (Amazon Prime), नेटफ्लिक्स (Netflix), डिज्नी हॉटस्टार (Disney Hotstar) जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है. अब जल्द ही, ओटीटी प्लेटफॉर्म भी सेंसरशिप के दायरे में आएंगे. इ्सके लिए केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ओटीटी, सैटेलाइट केबल टीवी, डीटीएच, आईपीटीवी, डिजिटल न्यूज और करेंट अफेयर्स के लिए अब अलग-अलग सेंसरशिप नियम बनाये गए हैं. इन सब को एक अलग नाम दिया गया है ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क ऑपरेटर. सरकार ने इसमें दिये जा रहे कंटेंट को लेकर काफी सख्त नियम लगा दिया है. अगर, कोई भी ऑपरेटर या ब्रॉडकास्टर नए ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल के नियमों को नहीं मानती है तो केंद्र सरकार के पास उसके कंटेंट में संशोधन, कंटेंट डिलीट करने या तय घंटों तक ऑफ एयर रहने करने की सजा का प्रावधान होगा. इसके साथ ही, ओटीटी प्लेटफॉर्म चलाने के लिए अब संचालक को सरकार से लाइसेंस लेना पड़ेगा. इतना ही नहीं, चैनल की तरह की उन्हें अपने सब्सक्राइबर बेस की भी जानकारी देनी होगी.

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सब्सक्रिप्शन फीस हो सकती है महंगी

नए ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल में ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपने सब्सक्राइबर बेस की जानकारी सरकार के साथ में साझा करनी होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि बिल के लागू होने के बाद, ओटीटी प्लेटफॉर्म की सब्सक्रिप्शन फीस महंगी हो सकती है. इससे संचालकों के यूजर बेस पर असर पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के नए बिल में 6 चैप्टर, 48 धाराएं और तीन शेड्यूल हैं. बिल कानून बनने पर मौजूदा केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 और प्रसारण से जुड़े दूसरे दिशा-निर्देशों की जगह लेगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बिल पर 9 दिसंबर तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं. जानकारों का कहना है कि इस बिल में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए थ्री लेयर सेल्फ रेगुलेशन सिस्टम होगा. संस्थान को अपने स्तर से कंटेंट इवैल्यूएशन कमेटी (CEC) बनानी होगी. अब ओटीटी पर CEC सर्टिफाइट प्रोग्राम ही देखने को मिलेगा. सीईसी का आकार और ऑपरेशन डिटेल सरकार के द्वारा तय किया जाएगा. इसमें 15-20 ओटीटी ऑपरेटर शामिल होंगे. संस्थान को शिकायतें सुनने के लिए ग्रीवेंस रिड्रेससल ऑफिसर भी नियुक्त करना जरूरी होगा.

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यूट्यूब पर कसेगा शिकंजा

ओटीटी के साथ अब, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर अपना चैनल चलाने वाले स्वतंत्र पत्रकारों-ब्लॉगर्स पर भी सरकार के द्वारा सख्ती की जाने वाली है. इससे ऑनलाइन पेपर, न्यूज पोर्टल, वेबसाइट आदि पर सीधा असर होने की संभावना है. हालांकि, सरकार ने इस बिल में पेशेवर और व्यावसायिक न्यूजपेपर्स और उनके ऑनलाइन मैटर को इस बिल से बाहर रखा गया है. बिल पास होने के बाद, ओटीटी पर सीबीएफसी प्रमाणित फिल्में ही दिखाई जा सकेगी. साथ ही, भविष्य में वहां भी ओटीटी की तरह यू, 7+, 13+, 16+ से लेकर ‘ए’ श्रेणी के प्रोग्राम भी प्रसारित होंगे. सरकार का नियम नहीं मानने वाला ओटीटी संस्थान पर आर्थिक दंड लगाने की भी तैयारी की जा रही है, जो पांच लाख तक का हो सकता है. सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नजर रखने के लिए ब्रॉडकास्टिंग एडवाइजरी काउंसिल (बीएसी) बनेगी. ये संस्थान नियम के उल्लंघन के मामले में सरकार से कार्रवाई की शिफारिस करेंगी. इसका चेयर मैन ऐसे व्यक्ति को बनाया जाएगा जो कम से कम 25 वर्ष का अनुभव रखता हो. साथ ही, पांच सरकारी व पांच गैर-सरकारी संभ्रांत नागरिक सदस्य होंगे.

क्या है ओटीटी प्लेटफॉर्म

ओटीटी का अर्थ है “ओवर-दे-टॉप”. इसका इस्तेमाल आमतौर पर वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं और डिजिटल मनोरंजन प्लेटफॉर्म्स के साथ जुड़ा जाता है. इसे एक ऑनलाइन मनोरंजन सेवा भी कह सकते हैं जिसे आप इंटरनेट के माध्यम से स्ट्रीम कर सकते हैं, बिना किसी ट्रेडिशनल केबल या डिश टीवी की जरूरत के. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर विभिन्न प्रकार की वीडियो सामग्री, जैसे कि फिल्में, टीवी शो, डॉक्यूमेंटरी, ओरिजिनल वेब सीरीज, और लाइव स्ट्रीमिंग का अवसर होता है. कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स उपभोक्ताओं को सिनेमाघरों में रिलीज होने से पहले नई फिल्में और सीरीज प्रदान करती हैं, जिससे उपभोक्ताएं वीडियो सामग्री को अपने समय और आसानी से देख सकती हैं.

कुछ प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के नाम:

  • Netflix

  • Amazon Prime Video

  • Disney+

  • Hulu

  • Apple TV+

  • Hotstar (भारत में)

  • Voot (भारत में)

  • Zee5 (भारत में)

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