नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया है कि उसने 2,200 करोड़ से अधिक के एक बड़े घोटाले को पकड़ा है. इस घपले में 13 कंपनियों ने 2,200 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम विदेशी कंपनियों को आयात के लिए बिल भुगतान के मद में भेजीं (रेमिट की), जबकि आयात केवल 24.64 करोड़ रुपये का था. सीबीआई ने इस बारे में स्टेलकन इंफ्राटेल लिमिटेड (एसआईपीएल) और 12 अन्य कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. एसआईपीएल पर आरोप है कि उसने 2015-16 के दौरान वस्तुओं के फर्जी आयात के बदले बड़े पैमाने पर अवैध धन विदेश भेजा. सीबीआई का कहना है कि उक्त लेनदेन में कई पंजाब बैंक में कंपनी के खाते से किये गये.
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सीबीआई ने मुखौटा कंपनियों के खिलाफ अपनी तीन साल की जांच के दौरान 339 मुखौटा (एक तरह से फर्जी) कंपनियों के एक जाल का पता लगाया है, जिनके जरिये 2900 करोड़ रुपये की बड़ी राशि इधर से उधर की गयी.
सूत्रों ने बताया कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल बैंकों के ऋण के गबन, फर्जी बिलों और धन को घुमा फिरा कर लाने, टैक्स चोरी व ब्लैक मनी सृजित करने में किया गया. साथ ही इनके जरिये करों की पनाहगाह कहे जानेवाले देशों को भी धन भेजा. फिर उस धन को निवेश के रूप में वापस लाने के लिए भी मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया.
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