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भारत की जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना : HSBC

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नयी दिल्ली : भारत की आर्थिक (जीडीपी) वृद्धि वित्त वर्ष 2017-18 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बैंकों के पास नकदी की पर्याप्त आपूर्ति होने और बजट में घोषित योजनाओं से आर्थिक गतिविधियों को आगे और गति मिलने की संभावना है. यह बात वैश्विक वित्तीय संस्थान एचएसबीसी ने अपनी एक रपट में कही है. […]

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नयी दिल्ली : भारत की आर्थिक (जीडीपी) वृद्धि वित्त वर्ष 2017-18 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बैंकों के पास नकदी की पर्याप्त आपूर्ति होने और बजट में घोषित योजनाओं से आर्थिक गतिविधियों को आगे और गति मिलने की संभावना है.

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यह बात वैश्विक वित्तीय संस्थान एचएसबीसी ने अपनी एक रपट में कही है. रपट के अनुसार पुरानी करेंसी की जगह नयी करेंसी की आपूर्ति बढ़ाने से वृद्धि दर को ऊंचा रखने में मदद मिलेगी. अप्रैल के अंत तक नोट की आपूर्ति सामान्य हो जाने की संभावना है. इससे उपभोग का स्तर बढ़ेगा.

एचएसबीसी इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘हमें वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी की सालाना वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना है. इसके 2016-17 में 6.3 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है.’

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बाजार में नयी करेंसी की पर्याप्त आपूर्ति बढ़ेगी तथा देश में पर्याप्त नोट उपलब्ध हो जाएंगे (अप्रैल के अंत तक), तो उपभोग का स्तर नोटबंदी के पहले के बराबर आ जाएगा.

अर्थव्यवस्था में वृद्धि को रफ्तार ज्यादा तर उपभोग से ही मिलेगी क्यों कि निवेश शिथिल बना रह सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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