16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जीएसटी रेट तय: 50% वस्तुएं टैक्स फ्री, तंबाकू पर ज्यादा कर, पढें आपको क्या होगा फायदा

Advertisement

नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लिए चार अलग-अलग कर ढांचे को मंजूरी दी. ये दरे हैं – 5%, 12%, 18% व 28%. इसमें खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है, जबकि सामान्य उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पर 5% कर […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लिए चार अलग-अलग कर ढांचे को मंजूरी दी. ये दरे हैं – 5%, 12%, 18% व 28%. इसमें खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है, जबकि सामान्य उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पर 5% कर लगाया जायेगा. इससे महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगी. इसके विपरीत आलीशान कारों, तंबाकू, पान मसाला, वातित पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर सबसे ऊंची दर से जीएसटी लगेगा. इन पर अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ ऊर्जा उपकर भी लगेगा.

- Advertisement -

दो दिवसीय बैठक के पहले दिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के कर ढांचे की घोषणा की. परिषद से मंजूर कर ढांचे को संसद से मंजूरी लेनी होगी. जीएसटी में केंद्र और राज्यों में लगने वाले करीब-करीब सभी अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे. जेटली के मुताबिक, आम आदमी पर महंगाई का बोझ नहीं पड़े, इसके लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) में शामिल खाद्यान्न और दूसरी जरूरी वस्तुओं सहित करीब 50 फीसदी वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगेगा.

जबकि दूसरी सामान्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की सबसे निम्न दर पर कर लगाया जायेगा. जेटली ने बताया, ‘इस बात पर सहमति बनी है कि जिन वस्तुओं पर 30 से 31 प्रतिशत की दर पर कर लगता है, उन पर अब 28 प्रतिशत की दर से कर लगेगा, लेकिन इसमें एक शर्त होगी. शर्त यह है कि इस वर्ग में कई सामान हैं, जिनका बड़ी संख्या में लोग इस्तेमाल करने लगे हैं, खासतौर से मध्यम वर्ग के लोग. ऐसे में उनके लिए 28 अथवा 30 या 31 प्रतिशत की दर ऊंची होगी. इसलिए हम इन्हें 18 प्रतिशत की दर में हस्तांतरित कर रहे हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या आम आदमी पर कर बोझ कुछ कम होगा,

जेटली ने कहा, ‘उम्मीद है कि ऐसा होगा.’

जेटली ने कहा कि खाद्यान्न पर शून्य दर से कर लगेगा, ताकि मुद्रास्फीति दबाव कम से कम रखा जा सके. ऑटोमोबाइल पर जीएसटी के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, ‘कार और लग्जरी कार में फर्क होता है. कारें 28 प्रतिशत के दायरे में आयेंगी जबकि लग्जरी कार मालिक इससे कुछ अधिक कर दे सकतें हैं.’ उन्होंने कहा कि राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए कर की दर ऊंची रखने से उपभोक्ताओं पर काफी बोझ पड़ता, लेकिन उपकर लगाने से दाम नहीं बढ़ेंगे. अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ उर्जा उपकर दोनों से मिलने वाली राशि को अलग कोष में रखा जायेगा. इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को होने वाली राजस्व हानि की भरपाई के लिए किया जायेगा. यह व्यवस्था जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल तक रहेगी. पांच साल के आखिर में कोष में यदि कोई राशि बचती है, तो उसे केंद्र और राज्यों के बीच बांट दिया जायेगा.

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानून संसद के आगामी सत्र में पारित हो सकते हैं. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने जीएसटी परिषद के फैसले पर ट्वीट किया, ‘जीएसटी दरों पर सहमति बनना बड़ी सफलता है.’

अनाज पर टैक्स नहीं, लग्जरी कारों पर लगेगा उपकर

लग्जरी कारें, तंबाकू, कार्बोरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जायेगा. इसके साथ ही इन पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जायेगा, जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किया जायेगा. उपकर के जरिये बनने वाला ‘मुआवजा कोष’ पांच साल के लिए रहेगा. वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 50,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.

जीएसटी के चार स्लैब

पांच फीसदी : सबसे निचली दर. रोजमर्रा के इस्तेमाल की सामान्य वस्तुएं इसके दायरे में.

12 फीसदी : मानक दर. ज्यादातर वस्तु व सेवा इसी दायरे में

18 फीसदी : मानक दर. साबुन, तेल, शेविंग स्टिक, टूथपेस्ट जैसे उत्पाद

28 फीसदी : वैसी वस्तुएं दायरे में आयेंगी, जिन पर अभी 30 से 31 प्रतिशत तक कर लगता है. लग्जरी गाड़ियां, पान मसाला, कोल्ड ड्रिंक आदि.

सोना पर संशय

केंद्र ने चार प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है, जबकि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो प्रतिशत लगाने पर जोर दिया. इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

आप को क्या फायदा

आम लोगों को फायदा इस पर निर्भर करता है कि 5 व 12% के स्लैब में किन वस्तुओं को रखा जायेगा. सूची समिति तैयार करेगी. ज्यादातर वस्तुओं के मामले में उन पर लगनेवाली उत्पाद शुल्क दर जमा वैट दर को मिला कर ही जीएसटी तय होगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें