नयी दिल्ली: देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार हुआ है और फरवरी में इस क्षेत्र की वृद्धि दर सकारात्मक रही है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. फरवरी के लिए वार्षिक एसबीआई कम्पोजिट इंडेक्स 51.3 पर रहा, जो इससे पिछले महीने 47.3 पर था. वहीं मासिक इंडेक्स फरवरी में घटकर 49.5 […]
नयी दिल्ली: देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार हुआ है और फरवरी में इस क्षेत्र की वृद्धि दर सकारात्मक रही है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. फरवरी के लिए वार्षिक एसबीआई कम्पोजिट इंडेक्स 51.3 पर रहा, जो इससे पिछले महीने 47.3 पर था. वहीं मासिक इंडेक्स फरवरी में घटकर 49.5 पर आ गया, जो जनवरी, 2016 में 52.4 था. यदि इंडेक्स 50 से ऊपर होता है तो इसका मतलब है कि पिछली संबंधित अवधि की तुलना में उत्पादन में वृद्धि हुई है, जबकि इसके 50 से नीचे होने का मतलब है इसमें गिरावट आना.
रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 5 फरवरी तक ऋण कारोबार की वृद्धि दर दस माह के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. पुन:वित्तपोषण ने ऋण की वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान दिया. एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग के मुख्य आर्थिक सलाहकार एवं महाप्रबंधक सौम्य शांति घोष ने कहा, ‘‘विशेष रूप से घरेलू निर्यात जैसे क्षेत्रों को बैंक ऋण प्रभावित हुआ है. इसकी मुख्य वजह प्रमुख निर्यात क्षेत्रों मसलन कपडा, रत्न एवं आभूषण में विदेशी मांग में कमी आना है. इससे ऋण की मांग में गिरावट आयी है.’
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