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सरकारी बैंकों में चार साल में 70,000 करोड रुपये पूंजी डालेगी सरकार : अरुण जेटली
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नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले चार साल में अपनी 1.80 लाख करोड रुपयेकी पूंजीगत जरुरतों में से आधे से अधिक को पूरा करने के लिए बाजारों से 1.10 लाख करोड रुपयेजुटाने की जरुरत होगी. इसके अलावा सरकार इन बैंकों में 70,000 करोड रुपये पूंजी डालेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज […]
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नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले चार साल में अपनी 1.80 लाख करोड रुपयेकी पूंजीगत जरुरतों में से आधे से अधिक को पूरा करने के लिए बाजारों से 1.10 लाख करोड रुपयेजुटाने की जरुरत होगी. इसके अलावा सरकार इन बैंकों में 70,000 करोड रुपये पूंजी डालेगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए चार साल का 1.8 लाख करोड रुपयेके पूंजीकरण का कार्यक्रम तैयार किया है. इसका मकसद निवेश को बढावा देना और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना है.जेटली ने बयान में कहा कि यह लंबे समय से लंबित कदम था. सरकार पूर्व में इसके बारे में बात करती रही है. लेकिन इस बार सरकार वास्तविक रुप में इसे क्रियान्वित कर रही है.
मंत्रालय ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को चार साल में अपनी 1.80 लाख करोड रुपयेकी पूंजीगत जरुरतें पूरी करने के लिए बाजारों से 1.10 लाख करोड रुपयेजुटाने होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में 25,000-25,000 करोड रुपयेऔर 2017-18 व 2018-19 में 10,000-10,000 करोड रुपयेउपलब्ध कराने की है.
मंत्रालय के बयान के अनुसार, मूल्यांकन बढने तथा गैर- प्रमुख आस्तियों का मूल्य मिलने के साथ साथ पूंजी उत्पादकता में सुधार के चलते सार्वजनिक बैंक बाकी 1,10,000 करोड रुपयेबाजार से जुटाने में सक्षम होंगे.
इससे पहले दिन में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक बैंकों में 12,010 करोड रुपयेकी अतिरिक्त पूंजी डालने में संसद की मंजूरी चाही। इस तरह से 7940 करोड रुपयेके बजटीय प्रावधान के साथ कुल योजनागत पूंजी निवेश बढकर लगभग 20,000 करोड रुपयेहो जाएगा.
वित्तीय सेवाओं के सचिव हसमुख अधिया ने संवाददाताओं से कहा, 20,000 करोड रुपये:का पूंजी डालने का काम: यथाशीघ्र होगा. यह सितंबर तक हो सकता है जब हमें संसद की मंजूरी मिल जाएगी.
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