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इंटरनेट निरपेक्षता पर मई के दूसरे सप्ताह तक रपट देगी समिति : रविशंकर प्रसाद
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नयी दिल्ली : सभी को इंटरनेट पर समान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए छिडी बहस के बीच सरकार ने ‘नेट निरपेक्षता’ के मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति द्वारा एक माह के समय में रिपोर्ट दिए जाने की उम्मीद है.दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां संवाददाताओंसे कहा कि भारतीय दूरसंचार […]
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नयी दिल्ली : सभी को इंटरनेट पर समान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए छिडी बहस के बीच सरकार ने ‘नेट निरपेक्षता’ के मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति द्वारा एक माह के समय में रिपोर्ट दिए जाने की उम्मीद है.दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां संवाददाताओंसे कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण :ट्राई: इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श कर रहा है. उसकी रिपोर्ट का इंतजार है.
प्रसाद ने कहा, ‘‘ट्राई एक सलाहकार निकाय है. उनकी सलाह का निश्चित रूप से सम्मान होगा. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.’’ नेट निरपेक्षता में सभी प्रकार के इंटरनेट ट्रैफिक के साथ समान बर्ताव किया जाता है और किसी व्यक्ति या कंपनी को सिर्फ भुगतान के आधार पर प्राथमिकता नहीं दी जाती. इस तरह के किसी कदम को पक्षपातपूर्ण माना जाएगा.
प्रसाद ने बताया कि उन्होंनेजनवरी में ही इस मुद्दे पर दूरसंचार मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियांे की समिति का गठन किया था। समिति को नेट निरपेक्षता के सभीपहलुओं, उद्देश्य और लाभ और सीमाओं पर अपनी रिपोर्ट देनी है.
दूरसंचार मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उनसे मई के दूसरे हफ्ते तक रिपोर्ट देने को कहा है. उनसे ऑनलाइन सहित गहन विचार विमर्श के बाद रिपोर्ट मांगी गई है. चूंकि मुङो अभी इन रपटों का इंतजार है ऐसे में अभी मेरा इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.’’ इस साल जनवरी में सरकार ने इस मुद्दे पर सदस्य, प्रौद्योगिकी एके भार्गव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था. यह कदम कुछ ऑपरेटरों द्वारा स्काइप और वाइबर जैसी वॉयस कॉल सेवाआंे के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूलने की कोशिश के बाद उठाया गया था. अमेरिकी, चिली, नीदरलैंड और ब्राजील जैसे देश पहले ही नेट निरपेक्षता अपना चुके हैं.
नियामक ने इस मुद्दे पर संबंधित लोगों से 24 अप्रैल तक टिप्पणियां मांगी हैं. जवाबी टिप्पणियां 8 मई तक मांगी गई हैं.
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