Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
BREAKING NEWS
Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.
Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.
Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement
सरकार के उंचे ऋण से कंपनियों का बांड बाजार हो रहा है प्रभावित : रिजर्व बैंक
Advertisement

मुंबई : सरकार की ओर से बांड के जरिए जुटाए जाने वाले रिण में बढोतरी से देश में कार्पोरेट ऋण बाजार की वृद्धि प्रभावित हो रही है. यह बात आज रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कही. गांधी ने यहां रेटिंग एजेंसी केयर द्वारा यहां कार्पोरेट ऋण पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, […]

ऑडियो सुनें
मुंबई : सरकार की ओर से बांड के जरिए जुटाए जाने वाले रिण में बढोतरी से देश में कार्पोरेट ऋण बाजार की वृद्धि प्रभावित हो रही है. यह बात आज रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कही.
गांधी ने यहां रेटिंग एजेंसी केयर द्वारा यहां कार्पोरेट ऋण पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, देश में सरकारी प्रतिभूतियों की भारी आपूर्ति से कार्पोरेट बांड बाजार की वृद्धि की बडी अडचन है. कार्पोरेट ऋण बाजार की वृद्धि न हो पाने से जुडे आंकडे प्रस्तुत करते हुए गांधी ने कहा कि हर साल सिर्फ सरकारी रिण की निर्बाध बढ रहा है. उन्होंने कहा, यदि हम सरकारी बांड बांड से तुलना करते हैं तो कार्पोरेट बांड बाजार बहुत छोटा है. उन्होंने कहा कि 2013 में बकाया सरकारी बांड सकल घरेलू उत्पाद के 49.1 प्रतिशत के बराबार थी. इसकी तुलना में बकाया कार्पोरेट बांड जीडीपी के 5.4 प्रतिशत के बराबर ही थे.
उन्होंने हालांकि सरकार की राजकोषीय घाटा सीमित करने की योजना का स्वागत किया और कहा कि इससे कार्पोरेट रिण बाजार का विस्तार होगा.
उन्होंने कहा, हमने देखा है कि सरकार लगातार राजकोषीय घाटे को वास्तविक स्तर पर लाने की कोशिश रह रही है जिससे बाजार पर कम दबाव पडेगा.
ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जबकि ऐसी अटकलें हैं कि सार्वजनिक रिण के प्रबंधन का काम सरकार आरबीआई की जगह एक पेशेवर एजेंसी को देने जा रही है. गांधी ने यह भी कहा कि सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) को धीरे धीरे कम करने का प्रयास भी कार्पोरेट ऋण बाजार के लिए भी फायदेमंद है. एसएलआर व्यवस्था के तहत बैंकों को अपने पास जमा राशियों का एक बडा हिस्सा सरकारी बांडों में रखना पडता है.
गांधी ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में एनपीए (अवरुद्ध ऋणों) की समस्या को देखते हुए धन के लिए कार्पोरेट बांड बाजार की ओर मुख मोडना जरुरी है.
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि कर्जदार इकाइयां एनपीए में 90 दिन की मोहलत की अविध का अनुचित फायदा उठाती है और 89वें दिन किश्त जमा कराती है. कार्पोरेट बांड के मामले में इस तरह की चाल संभव नहीं होती क्योंकि इसमें तय दिन की भुगतान करना होता है.
इसकी तरह कार्पोरेट बांड बाजार में ब्याज निर्धारण भी बहुत पारदर्शी है जो बैंक रिण के मामले में नहीं होता. उन्होंने कहा कि कंपनियों को निजी नियोजन के बजाय ऋण संबंधी सार्वजनिक पेशकश लाने की जरुरत है. गांधी ने कहा कि पेंशन कोष, भविष्य निधि कोष और बीमा कंपनियों जैसे संस्थागत निवेशकों की भूमिका का पुन: आंकलन होना चाहिए.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
संबंधित ख़बरें
Trending News
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition