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एपीएमसी कानून में संसोधन के बाद किसान कहीं भी बेच सकेंगे अपने उत्पाद : रामविलास

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तिरवनंतपुरम : खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि केंद्र फल व सब्जियों को एपीएमसी कानून के दायरे से बाहर लाने के लिए इस कानून में संशोधन के वास्ते राज्यों से संपर्क करेगा. फल व सब्जियों के इस कानून के दायरे से बाहर होने पर किसानों को अपने उत्पाद खुले बाजार में बेचने की […]

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तिरवनंतपुरम : खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि केंद्र फल व सब्जियों को एपीएमसी कानून के दायरे से बाहर लाने के लिए इस कानून में संशोधन के वास्ते राज्यों से संपर्क करेगा. फल व सब्जियों के इस कानून के दायरे से बाहर होने पर किसानों को अपने उत्पाद खुले बाजार में बेचने की आजादी मिलेगी.

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उन्होंने कहा कि कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून में संशोधन से देश में कृषि उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी. पासवान ने कहा कि मौजूदा ‘मंडी व्यवस्था’ ने किसानों पर उनके उत्पाद बेचने पर पाबंदी लगा रखी है. एपीएमसी कानून के तहत राज्य के भीतर विभिन्न जगहों पर मंडियां स्थापित हैं और किसान केवल इन्हीं मंडियों में नीलामी के जरिए अपने उत्पाद बेच सकते हैं.

इसी तरह, एक मंडी में काम करने के लिए एक व्यापारी को एक लाइसेंस लेना होता है और थोक विक्रेता, खुदरा व्यापारी एवं खाद्य प्रसंस्करण कंपनियां सीधे किसान से कृषि उत्पाद नहीं खरीद सकतीं, बल्कि उन्हें मंडियों के जरिए ही उत्पादन खरीदना होता है.

पासवान ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘हम एक साझा राष्ट्रीय बाजार तैयार करना चाहते हैं ताकि किसान जहां चाहें वहां अपने उत्पाद खासकर फल और सब्जियां बेच सकें और इस मामले पर हम चर्चा करेंगे और राज्यों को निर्देश भेजेंगे.’ उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीयकृत बाजार किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री का आजादी देगा. वर्तमान में, किसानों को एमपीएमसी की मंडियों में अपने उत्पाद बेचने के लिए कई तरह के कर व शुल्क अदा करने पडते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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