नयी दिल्लीः सेवा क्षेत्र में सितंबर के महीने में अचानक तेजी आयी है. सितंबर में इस क्षेत्र में ढेर सारे ऑर्डर आये इसका खुलासा एक व्यपारिक सर्वे में मंगलावार को किया गया. एचएसबीसी के परचेसिंग मैनेजेर इनडेक्स( पीएमआई) ने खुलासा किया पिछले दो महीनों में इसमें गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन अगस्त में 50.6 […]
नयी दिल्लीः सेवा क्षेत्र में सितंबर के महीने में अचानक तेजी आयी है. सितंबर में इस क्षेत्र में ढेर सारे ऑर्डर आये इसका खुलासा एक व्यपारिक सर्वे में मंगलावार को किया गया. एचएसबीसी के परचेसिंग मैनेजेर इनडेक्स( पीएमआई) ने खुलासा किया पिछले दो महीनों में इसमें गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन अगस्त में 50.6 से बढ़कर 51.6 हो गया. एक महीने के इस आकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सितंबर महीने में इसमें तेजी आयी है. इस सर्वे में खुलासा किया गया है कि 51.9 से 52.4 तक बढ़े जिससे मजबूत संकेत देखे गये.
एशियाई आर्थिक अनुसंधान के सह प्रमुख फ़्रेडरिक न्यूमन ने कहा सर्विस सेक्टर की गतिविधियां सितंबर में बढ़ गयी इसका पूरा श्रेय नये व्यापार को जाता है. इससे आर्थिक स्तर पर थोड़ा बहुत राहत मिला है. इससे पहले आर्थिक स्थिति इस क्षेत्र के कारण धीमी थी. लेकिन अचानक व्यापार में आयी तेजी ने आर्थिक क्षेत्र में मजबूती दे दी है.
इससे भारत की उपभोक्ता मूल्य में भी वृद्धि आयी है. और साथ ही मुद्रास्फीति में भी जुलाई की तुलना में (7.96) अगस्त ( 7.80) में कमी आयी हैइसके आलावा थोक कीमत के मूल्यों में भी पीछले एक महीनों में गिरावट देखी जा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी मौद्रिक पॉलिसी में जल्दीबाजी नहीं दिखाना चाहता. हालांकि रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि उपभोक्त मुद्रास्फीति को कम किया जा सकता है और लक्ष्य के तौर पर उसे जनवरी 2016 तक 6 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है.
मई के बाद निजी क्षेत्र में अचानक विस्तार देखा गया . इसका कारण नरेंद्र मोदी का चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल करना मोदी वेब का असर आर्थिक स्तर पर भी देखा गया. नरेंद्र मोदी की आर्थिक रणनीति को ध्यान में रखते हुए कई निजी कंपनियों ने अपना विस्तार किया . लेकिन व्यापक सुधार में होने वाली उम्मीद अब खत्म हो रही है.इस सर्वे से भविष्य में व्यापार को लेकर अच्छे संकेत मिलते है . जिस तरह से कुछ महीनों पहले इसमें संकेत मिले थे इससे व्यापार में सुधार और तेजी की संभावना बढ़ रही है.
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