18.1 C
Ranchi
Saturday, March 15, 2025 | 07:32 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सूखे की मार झेल रहे उस्मानाबाद के किसानों के लिए ‘संजीवनी” बनी बकरियां, दूध से साबुन बनाकर जला रहे चूल्हा

Advertisement

औरंगाबाद : बरसों से सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के किसानों के लिए दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया था और ऐसे में बकरियां उनके लिए संजीवनी साबित हुई हैं, जिनके दूध से बने साबुन बेचकर अब उनका चूल्हा जल रहा है. एक स्थानीय गैर-सरकारी संगठन की मदद से महाराष्ट्र […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

औरंगाबाद : बरसों से सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के किसानों के लिए दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया था और ऐसे में बकरियां उनके लिए संजीवनी साबित हुई हैं, जिनके दूध से बने साबुन बेचकर अब उनका चूल्हा जल रहा है. एक स्थानीय गैर-सरकारी संगठन की मदद से महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के 25 गांवों के 250 परिवार अब साबुन बनाने का काम कर रहे हैं.

‘शिवार संस्था’ के सीईओ विनायक हेगाना ने कहा कि यह परियोजना उन किसान परिवारों की मदद के लिए शुरू की गयी, जिन्होंने अभाव के कारण आत्महत्या कर ली या बुरे दौर का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देने की बजाय हमने उन्हें आजीविका चलाने का तरीका सिखाने का फैसला किया. हमने उन्हें बताया कि कैसे उस्मानाबादी बकरियों को बेचने की बजाय उन्हें पालकर वे मुनाफा कमा सकते हैं.

हेगाना ने कहा कि विटामिन ए, ई, सेलेनियम और अल्फा हाइड्रोक्सी अम्ल से भरपूर बकरी का दूध त्वचा के रोगों का उपचार करता है. इस संस्था का वहां कोई कारखाना नहीं है, लेकिन एक किसान के घर से ही पूरा काम हो रहा है. किसानों को एक लीटर बकरी के दूध के 300 रुपये मिलते हैं और एक दिन के काम का 150 रुपये दिये जा रहे हैं. इस काम में 250 परिवार और उनकी 1400 बकरियां शामिल हैं.

संस्था इस परियोजना में 10,000 और परिवारों को जोड़ने जा रही है, जिनके बनाये साबुन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचने की भी योजना है. उप संभागीय कृषि अधिकारी भास्कर कोलेकर ने कहा कि हमारे विभाग ने इन गांवों के किसानों को बकरियां दीं और इन बकरियों के दूध को साबुन परियोजना के लिए इस्तेमाल करेंगे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर