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तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि ने चीन को पछाड़ा, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी

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नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में भारत ने आर्थिक वृद्धि के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्ट्रबर- दिसंबर) में धीमी पड़कर 6.6 फीसदी रही. कृषि, खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से […]

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नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में भारत ने आर्थिक वृद्धि के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्ट्रबर- दिसंबर) में धीमी पड़कर 6.6 फीसदी रही. कृषि, खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से वृद्धि दर की रफ्तार कम हुई. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी.

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इसे भी देखें : जुलाई-सितंबर महीने की तिमाही में 7.1 फीसदी रही आर्थिक वृद्धि दर

आर्थिक वृद्धि दर का यह आंकड़ा पिछली पांच तिमाहियों में सबसे कम रहा है. हालांकि, इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 6.4 प्रतिशत रही है. एक साल पहले (वित्त वर्ष 2017-18) की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही थी. संशोधन से पहले आर्थिक वृद्धि का आंकड़ा 7 फीसदी पर था.

इसके साथ ही, सीएसओ ने चालू वित्त वर्ष के पहली और दूसरी तिमाही के वृद्धि आंकड़े भी संशोधित कर क्रमश: सात फीसदी से बढ़ाकर आठ फीसदी और 7.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिये. इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इस पूरे साल की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वर्ष 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में यह 32.85 लाख करोड़ रुपये थी. इस प्रकार, तीसरी तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि 6.6 फीसदी रही.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही के आर्थिक वृद्धि के आंकड़े भी संशोधित किये हैं. यह क्रमश: 5.6 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी और 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी किया गया है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र का सकल मू्ल्यवर्द्धन 2.7 फीसदी बढ़ा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 4.6 फीसदी था. इसी तरह खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.3 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 8.6 फीसदी के मुकाबले गिरकर 6.7 फीसदी रही है.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष के दौरान कृषि क्षेत्र में सकल मूल्य वर्द्धन 2.7 फीसदी रहेगा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 5 फीसदी था. इसी तरह खनन क्षेत्र का मूल्य वर्द्धन 1.2 फीसदी रहेगा, जो 2017-18 में 5.1 फीसदी रहा था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष के लिए विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 फीसदी रहने का अनुमान है और इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.9 फीसदी था.

इसी बीच, 2018-19 में (वर्ष 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर) प्रति व्यक्ति आय मामूली तौर पर बढ़कर 92,718 रुपये रह सकती है, जो 2017-18 में 87,623 रुपये थी. वित्त वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय में 5.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 5.7 फीसदी थी. वित्त वर्ष 2018-19 में वर्तमान कीमत के आधार पर सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) 55.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 48.97 लाख करोड़ रुपये रहा था. इसे देश में निवेश का अहम संकेतक माना जाता है. वहीं, वित्त वर्ष 2011-12 की स्थिर कीमतों पर 2018-19 में जीएफसीएफ 45.50 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 41.37 लाख करोड़ रुपये था. वर्ष 2018-19 के दौरान जीडीपी के सापेक्ष चालू और स्थायी कीमतों के आधार पर जीएफसीएफ क्रमश: 28.9 फीसदी और 32.3 फीसदी रहा है, जो 2017-18 में क्रमश: 28.6 फीसदी और 31.4 फीसदी रहा था.

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