13.7 C
Ranchi
Friday, March 7, 2025 | 06:28 am
13.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

RBI बोर्ड की मैराथन बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा, NBFC को नकदी उपलब्ध कराने पर गतिरोध जारी

Advertisement

मुंबई : रिजर्व बैंक और सरकार में कई दिनों से जारी तनातनी के बीच सोमवार को यहां केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की मैराथन बैठक हुई. समझा जाता है कि इस बैठक में कई मुद्दों मसलन केंद्रीय बैंक को कितनी पूंजी की जरूरत और लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज देने और कमजोर बैंको के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुंबई : रिजर्व बैंक और सरकार में कई दिनों से जारी तनातनी के बीच सोमवार को यहां केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की मैराथन बैठक हुई. समझा जाता है कि इस बैठक में कई मुद्दों मसलन केंद्रीय बैंक को कितनी पूंजी की जरूरत और लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज देने और कमजोर बैंको के नियमों पर चर्चा हुई, मगर एनबीएफसी के नकदी वाले मसले पर गतिरोध अब भी जारी है.

इसे भी पढ़ें : RBI की बैठक से पहले एस गुरुमूर्ति ने कहा बैंक के रिजर्व स्टोरेज नियमों में बदलाव जरूरी

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और केंद्रीय बैंक के सभी डिप्टी गवर्नरों की बोर्ड में सरकार द्वारा मनोनीत निदेशक आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार तथा स्वतंत्र निदेशक एस गुरुमूर्ति के साथ विवादित मुद्दों पर कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए आमने-सामने बातचीत हुई. हालांकि, करीब नौ घंटे तक चली बैठक के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

सरकार और गुरुमूर्ति ने केंद्रीय बैंक पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अधिक नकदी उपलब्ध कराने, छोटे कारोबारियों के लिए कर्ज नियमों को उदार करने, कमजोर बैंकों के लिए नियमों में ढील देने और रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष में से कुछ राशि अर्थव्यवस्था को प्रोत्सोहन को देने के लिए उपलब्ध कराने को लेकर दबाव बनाते रहे.

इस तरह के संकेत मिले हैं कि रिजर्व बैंक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज के नियमों को सरल करने को तैयार है, लेकिन एनबीएफसी को नकदी उपलबध कराने के मुद्दे पर गतिरोध अब भी जारी है. केंद्रीय बैंक बॉन्डों की मुक्त बाजार के जरिये खरीदे से नकदी डालने को तैयार दिखता है, लेकिन वह बैंकों के लिए अपने पूंजी स्टॉक के नियमों में ढील देने के पक्ष में नहीं लगता है.

बैठक में संभवत: रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध भारी भरकम 9.69 लाख करोड़ रुपये के आरक्षित कोष पर भी चर्चा हुई. गुरुमूर्ति और वित्त मंत्रालय चाहते हैं कि केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध आरक्षित कोष की सीमा को वैश्विक स्तर के अनुरूप कम किया जाना चाहिए. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन सहित रिजर्व बैंक के 10 स्वतंत्र निदेशकों में से अधिकतम स्वतंत्र निदेशक बैठक में शामिल हुए.

बैठक पर मीडिया और बाजार की कड़ी निगाह बनी रही. बैठक से पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यदि बोर्ड आरक्षित भंडार में से कुछ राशि देने या नियमों में ढील देने का निर्देश देता है, तो गवर्नर उर्जित पटेल को इस्तीफा दे देना चाहिए. रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में इस समय 18 सदस्य हैं. हालांकि, इसमें अधिकतम 21 तक सदस्य हो सकते हैं.

सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों में त्वरित सुधारात्मक उपायों (पीसीए) की रूपरेखा तथा एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने के प्रावधानों में ढील को लेकर आपसी सहमति से किसी समाधान पर पहुंचने के पक्ष में हैं. सूत्रों के अनुसार, यदि इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पायी, तो अगले कुछ सप्ताह में त्वरित सुधारात्मक कदम को लेकर समाधान हो जायेगा.

इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं. फिलहाल, 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के दायरे में हैं, जिससे उन पर नये कर्ज देने को लेकर कड़ी शर्तें लागू हैं। इन बैंकों में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं.

पीसीए ढांचा तब लागू होता है, जब बैंक तीन नियामकीय बिंदुओं (जोखिम भारांश वाली संपत्तियों के एवज में रखे जाने वाले पूंजी अनुपात, शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) और संपत्ति पर रिटर्न (आरओए)) में से किसी एक का अनुपालन नहीं कर पाते हैं. वैश्विक स्तर पर यह व्यवस्था केवल तभी लागू होती है, जब बैंक एक मानक, तय पूंजी पर्याप्तता अनुपात पर खरा नहीं उतर पाते.

सरकार चाहती है कि घरेलू बैंकिंग क्षेत्र में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जाये. केंद्रीय बैंक के साथ बढ़ते गतिरोध के बीच वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात के तहत विचार-विमर्श शुरू किया था. इस धारा का इससे पहले कभी इस्तेमाल नहीं हुआ है. इसके तहत सरकार को रिजर्व बैंक गवर्नर को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है.

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता का मुद्दा उठाया था. वहीं, एस गुरुमूर्ति ने पिछले सप्ताह कहा था कि केंद्र और केंद्रीय बैंक के बीच गतिरोध को किसी भी तरीके से अच्छी स्थिति नहीं कहा जा सकता. पिछले महीने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने कहा था कि रिजर्व बैंक गवर्नर सरकार के हिसाब से काम करें, अन्यथा इस्तीफा दे दें.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर