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खुशखबरी : पेट्रोल-डीजल हुआ 5 रुपये सस्‍ता, गुरुवार आधी रात से लागू

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नयी दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक व्यवस्था के तहत 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद भाजपा समर्थित एनडीए शासित अधिकतर राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य स्तरीय करों में भी कटौती की है. इससे इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की […]

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नयी दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक व्यवस्था के तहत 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद भाजपा समर्थित एनडीए शासित अधिकतर राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य स्तरीय करों में भी कटौती की है. इससे इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पांच रुपये प्रति लीटर तक कम हो गयी हैं. कच्चे तेल के अंतराष्ट्रीय बाजार में लगतार तेजी के बीच देश में डीजल पेट्रोल के दाम काफी ऊंचे हो गये हैं. उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र ने डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये की कमी की है और पेट्रोलियम का खुदरा काम करने वाली सरकारी कंपनियों को इन ईंधनों का भाव एक-एक रुपये प्रति लीटर कम करने और उसका बोझ खुद वहन करने के लिए कहा गया है. इससे कंपनियों पर 9,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

भाजपा समर्थित एनडीए शासित राज्य सकरारों ने अपने यहां वैट और बिक्री कर में इसी के बराबर (2.50 रुपए प्रति लीटर) की कमी की है. केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा समेत अधिकतर भाजपा शासित राज्यों ने वैट में 2.50 रुपये की कटौती की है. इससे इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की प्रभावी कीमत पांच रुपये प्रति लीटर कम हो गयी है.

महाराष्ट्र ने सिर्फ पेट्रोल पर वैट में 2.50 रुपये की कटौती की है. इस प्रकार वहां डीजल की कीमत सिर्फ 2.50 रुपये और पेट्रोल की कीमत पांच रुपये प्रति लीटर कम हो गयी हैं. वहीं, कर्नाटक और केरल ने ईंधन की कीमतों में और कटौती करने से मना कर दिया है, क्योंकि इन राज्यों ने पिछले महीने ही ईंधन की कीमतों में उल्लेखनीय कटौती की थी. राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य भी ईंधन की कीमतों में पहले कटौती कर चुके हैं. हालांकि, कांग्रेस शासित पंजाब राज्य इस संबंध में शुक्रवार को उचित निर्णय करेगा. यह कटौती गुरुवार की आधी रात से लागू होगी.

मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में दो बार की गयी उत्पाद शुल्क में कटौती

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के चार साल के कार्यकाल में यह दूसरी बार है, जब पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की गयी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में कटौती से केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा. जेटली ने राज्य सरकारों से भी इसी अनुपात में बिक्री कर या वैट में कटौती करने का आग्रह किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के बीच नौ किस्तों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जबकि पिछले साल अक्टूबर में इसमें दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी थी. हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी.

दिल्ली में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल-डीजल की कीमतों के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने उनके दाम कम करने के इन उपायों की घोषणा की है. पेट्रोल-डीजल की सबसे कम कीमत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में है. दिल्ली में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर है. जेटली ने कहा कि उन्होंने बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और इस पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श गुरुवार को भी जारी रहा.

उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये की कटौती करेगा केंद्र

उन्होंने कहा कि ग्राहकों को तीन तरीके से कीमत कटौती का फायदा पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है. इसमें एक लाभ डीजल-पेट्रोल पर केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती से, दूसरा पेट्रोलियम विपणन कंपनियां 1.00 रुपये प्रति लीटर का बोझ खुद उठाने से तथा राज्यों में वैट या अन्य शुल्क कम किये जाने से मिलेगा.

तेलंगाना में सबसे अधिक 27 फीसदी लगता है पेट्रोल-डीजल पर वैट

केंद्र पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 19.48 और 15.33 रुपए प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगा रहा था. महाराष्ट्र में पेट्रोल पर वैट 39.12 प्रतिशत वैट था, जबकि तेलंगाना में डीजल पर सबसे अधिक 26 फीसदी की दर से वैट लगता है. दिल्ली में पेट्रोल पर 27 फीसदी और डीजल पर 17.24 फीसदी की दर से वैट लागू है. जेटली ने कहा कि आज तेल विपणन कंपनियों की स्थिति पहले से अच्छी है और वे एक रुपए लीटर का बोझ उठा सकती हैं.

राजस्थान, कनार्टक और आंध प्रदेश ने अगस्त में की थी वैट में कटौती

केंद्र सरकार की घोषणा के बाद भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा ने पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट में 2.50 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की घोषणा की है. पिछले महीने राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने भी ग्राहकों को राहत देने के लिए वैट में कटौती की थी. मध्य अगस्त से अब तक पेट्रोल की कीमत में 6.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 6.73 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.

पेट्रोलियम कंपनियों को एक साल में 21,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान

ब्रेंट क्रूड बुधवार को चार साल के उच्चतम स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिका में ब्याज दर सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गयी. जेटली ने कहा कि हालांकि, देश में मुद्रास्फीति अभी चार फीसदी से कम है. ऊंचे कर संग्रह से राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर स्थिति संतोषजनक है. जेटली ने कहा कि उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये की कटौती से चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि में 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा, जबकि पूरे साल में यह नुकसान 21,000 करोड़ रुपये होगा. इन पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमत में आधा हिस्सा करों का है.

इंडियन ऑयल पर पड़ेगा 5,850 करोड़ रुपये का बोझ

सरकारी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के एक रुपये प्रति लीटर का बोझ वहन करने के निर्देश को पेट्रोल-डीजल पर फिर से सरकारी नियंत्रण स्थापित करने के तौर पर देखा जा रहा है. अभी इनकी कीमतें बाजार के आधार पर तय होती हैं. इस घोषणा के बाद इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी है. सरकारी कंपनियों की आय पर इस 1.00 रुपये प्रति लीटर कीमत वहन करने का सालाना बोझ 10,700 करोड़ रुपये होगा. इसमें करीब आधा यानी करीब 5,850 करोड़ रुपये का बोझ इंडियन ऑयल पर और बाकी का बोझ हिस्सेदारी हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम पर जा सकता है.

मौखिक सहानुभूति जताने वाले राज्यों और नेताओं के लिए परीक्षा की घड़ी : जेटली

जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम कीमतें बढ़ने से राज्यों का राजस्व बढ़ा है और राज्यों के लिए 2.50 रुपये प्रति लीटर तक बोझ वहन करना आसान होगा. उन्होंने कहा कि यह उन राज्यों और उनके नेताओं के लिए परीक्षा की घड़ी है, जो सिर्फ मौखिक सहानुभूति जताते हैं और ट्वीट करते रहते हैं. अब वह क्या करेंगे यह देखना होगा. पिछली बार भी भाजपा या राजग के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों ने वैट में कमी की थी. इस बार यदि अन्य राज्य सरकारें ऐसा नहीं करती हैं, तो जनता उनसे सवाल जरूर पूछेगी.

देश में 1 जनवरी से 4 अक्टूबर तक डीजल-पेट्रोल के दाम में हुई बढ़ोतरी

चार महानगर 1 जनवरी 4 अक्टूबर बढ़ोतरी

नयी दिल्ली 69.97 84.00 14.03
कोलकाता 72.72 85.80 13.08
मुंबई 77.87 91.34 13.47
चेन्नई 72.53 87.33 14.08

1 जनवरी से 4 अक्टूबर तक डीजल की कीमत

शहर 1 जनवरी 4 अक्टूबर बढ़ोतरी

नयी दिल्ली 59.70 75.45 15.75
कोलकाता 62.36 77.30 14.94
मुंबई 63.35 80.10 16.75
चेन्नई 62.90 79.79 16.89

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